कविता

ईमान 

मुझे राम ने भी ईमानदारी सिखाई,

अल्लाह ने भी रहमत सिखाई

ईशू ने सच सिखाया 

किसी ने मक्कारी नहीं सिखाई

मुझे सब एक से दिखे

फिर जात-पात कहां से आई 

धर्म की रक्षा कौन सिखाई

पहले दुनिया में कौन आया 

इंसान आया या जात -पात आई

पुरुष आया या स्त्री आई 

मनुष्य आया या भूख आई?

— शिखा सिंह

शिखा सिंह

जन्मस्थल - कायमगंज स्नातकोत्तर- के.एन.कालेज कासगंज. प्रकाशन- विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में आलेख एवं कविताएँ प्रकाशित जैसे - लखनऊ से, उत्कर्ष, लखनऊ से रेवान्त पत्रिका ,जनसंदेश टाईम्सअखबार,अग्रधारा पत्रिका, अनुराग ,अनवरत, कविता संग्रह, भोजपुरी पंचायत, लोक चिंतक कवि हम - तुम कविता संग्रह और अन्य पत्रिकाओं में भी प्रकाशित सृजन पोर्टल दिल्दी बुलेटिन पोर्टल अन्य !! सम्पर्क-जे .एन.वी.रोड़ फतेहगढ़ फर्रुखाबाद (उ प्र,) पिन कोड- 209601 e-mail [email protected]