इष्ट का सहारा
तुम्हारे भोग जितने कम होंगे
दुःख, कष्ट व परेशानियां उतनी ही कम होंगी ।
अपने धर्म के रास्ते पर चलकर ही सफलता मिलती है
किसान, छात्र, व्यापारी, नौकरीपेशा अन्य
सब अपना धर्म निभाते हैं तब ही फल व उपहार पाते हैं ।
धर्म छोड़कर विकास दिखाई तो देगा
परंतु वो विकास कब विनाश में परिवर्तित हो जायेगा पता ही नहीं चलेगा ।
कर्म व फल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
एक दिन दोनों ही सामने आते हैं
अच्छे कर्म- अच्छा फल आज नहीं तो निश्चित कल परंतु मिलता अवश्य है ।
इसीलिए जीवन लक्ष्य बनाये रखिये
और नेक कर्म करते हुए आगे बढ़ते रहिए सफलता आस लगाये बैठी है…।
सफलता से पहले तमाम भय आगे आएंगे
जो कर्मवीर को डरायेंगे
डरना बिल्कुल नहीं
अपने इष्ट का सहारा लेकर
तुम मंजिल पा जाओगे ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा