वादा
तारा टूटा वादा सफल
जुगनू ने सोचा क्या
आकाश का उजाला होगा कम
मेरी अपनी दुनिया है
मुझे उजाले की चिंता नही
मै निर्भर नही किसी पर
आत्मनिर्भर हूँ जो मै।
— संजय वर्मा “दृष्टि”
तारा टूटा वादा सफल
जुगनू ने सोचा क्या
आकाश का उजाला होगा कम
मेरी अपनी दुनिया है
मुझे उजाले की चिंता नही
मै निर्भर नही किसी पर
आत्मनिर्भर हूँ जो मै।
— संजय वर्मा “दृष्टि”