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काव्य गोष्ठी

कवि की कल्पना और विचारों का तालमेल जब किसी नव सृजन का निर्माण करती है तो सामाजिक चुनौतियों के माध्यम से होने वाली परेशान के बिच जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने वाली कविताएं प्रेरणादायक , मार्गदर्शक , वैचारिक शक्ति बनकर उभरती हुई सामने आतीं हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों को जीत में बदल देती है साथ ही कविता अनंत संभावनाओं के द्वार खोलती हुई दिखाई देती है। इस में कोई दो राय व्यक्त नहीं कर सकते हैं कि , हर रचनाकार का रचनात्मक सृजन में लिखा गया एक-एक शब्द किसी अध्याय में आशा की स्याही से लिखे गए हैं जो भूतकाल से अच्छा ग्रहण करके वर्तमान में कार्य करते हुए भविष्य का निर्माण करता है। सही मायनों मे रचनाकार मानवीय अनुभव को प्रतिबिंबित करने वाला एक दर्पण भी है। इसीलिए कहा जाता है साहित्य समाज का दर्पण है और दर्पण कभी झूठ नहीं बोलते इसलिए इस काव्य गोष्ठी में कई ऐसी व्यंग्य कविताएं भी है जो एक चुभन की तरह होती है तो कहीं कविताएं सुमन की तरह होती है उक्त उद्बोधन सुषमा साहित्यिक संस्थान के संरक्षक सुभाष यादव के निवास स्थान पर आयोजित की गई काव्य गोष्ठी में अध्यक्ष व्यंग्य कवि जुझार सिंह भाटी एवं मुख्य अतिथि डॉक्टर प्रमोद झरिया तथा अतिथि के रूप में वरिष्ठ गीतकार हरिशंकर भटनागर ने कहा ।

काव्य गोष्ठी के प्रारंभ में सरस्वती वंदना भागवत आचार्य पंडित अखिल स्नेही ने की प्रथम कवि के रूप में जवेरी लाल गोयल ने कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद के लेखन को केंद्र बिंदु में रखते हुए कविता पाठ कर किया । श्याम सुंदर भाटी , रामचंद्र फुहार , गौरी शंकर खींची , जन्मेजये उपाध्याय ने अपनी कविताओं में वर्तमान हालात में जो घटना हो रहा है उस पर अपनी प्रतिक्रिया रचना के माध्यम से उसकी अनुभूति महसूस करके शब्दों को संचार का माध्यम अपनी बात रखी और यह भी बताया की प्रेम का विषय को दिखावे का विषय नहीं है ।
जुझार सिंह भाटी एवं प्रकाश हेमावत में वर्तमान हालात पर राजनीतिक टिका टिप्पणी के माध्यम से करार व्यंग्य कसा वही अब्दुल सलाम खोखर , दिनेश उपाध्याय , लक्ष्मण पाठक ने अपनी ग़ज़ल में समय की कीमत बताते हुए जरा सा भी समय बर्बाद मत होने दीजिए का संदेश देकर स्वयं को जागृत रखें और अपने पराएं की हिचकी आने पर उन्हें याद किया जाता है । सुभाष यादव , इंदु सिंन्हा दिनेश जैन ने जीवन में सुख और शांति के लिए प्रेम होना बहुत जरूरी है इन्हीं भावना से उत्प्रोत होकर अपनी रचना में अपना भाव रखते हुए कविता पाठ किया । अखिल स्नेही , दिलीप जोशी , हरिशंकर भटनागर ने गीतों के माध्यम से प्रकृति , प्रवृति , व्यक्ति को कई पहलुओं के प्रति हमारा आत्मीयता , संवेदना और सद्भावना का महत्व का विवरण विस्तार रूप से अपनी गीतों के माध्यम से बात कर माहौल में एक अद्भुत संदेश दिया । कार्यक्रम के अंत में अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की काव्य गोष्ठी में भूपेंद्र सिंह सिसोदिया , प्रणेश जैन अर्पिता परिहार , निशा मोरवाल , दीपिका शेखावत , मंजू शर्मा , आयुष बैरागी विशेष रूप से उपस्थित थे ।

कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि प्रकाश हेमावत ने किया एवं आभार व्यक्त सुभाष यादव ने किया ।

— प्रकाश हेमावत

प्रकाश हेमावत

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