कविता

नेक काम है

अच्छाईयों की धारा बनना नेक काम है

करतार का इशारा बनना नेक काम है

काम नेक अनगिनत जहां में हैं लेकिन

दिव्यांगों का सहारा बनना नेक काम है

जिनकी दृष्टि क्षीण उनके नैन हम बनें

उनके हम ही दिन बनें व रैन हम बनें

श्रवणबाध्य जन के हम कान भी बनें

आत्मबल हम दें उन्हें और मान भी बनें

तूफान में किनारा बनना नेक काम है

दिव्यांगों का सहारा बनना नेक काम है

जो पैर से अक्षम हैं उनके साथ बनें हम

उनके लिए उनकी ही परवाज हम बनें

जो बोलते नहीं उनकी आवाज हम बनें

जमीं से उठ सितारा बनना नेक काम है

दिव्यांगों का सहारा बनना नेक काम है

ये बात कही न महज उपदेश के लिए

ऐसा करना अच्छा होगा देश के लिए

मजलूमों के लिए ये ढाल रखी जाएगी

संसार में जिंदा मिसाल रखी जाएगी

इंकलाबी नारा बनना नेक काम है

विक्रम कुमार

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