पर्यावरण

पुष्प से बढ़ता स्थान का सौंदर्य

जहाँ तालाब या झील हो वहाँ कमल के फूल  के पौधे रोपित कर धार्मिक कार्य हेतु पुष्प,कमल डंडी (जड़),कमल गट्टा आहार हेतु प्राप्त की जाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।कमल गट्टे को कच्चा भी खाया जाता है और पकने पर फोड़ कर भी गिरी खाई जाती है। कच्चे बीज छिलके अलग कर खाए जाते हैं और मूंगफली जैसे लगते है।सार ये है कि जहाँ गढ्ढो में पानी संग्रहण होता,झील,तालाब,स्टॉप डेम, निस्तार तालाब में कमल के पुष्प की खेती हेतु नियमानुसार अनुमति प्राप्त कर इस खेती को बढ़ावा दिए जाने से रोजगार की दिशा में बेरोजगारों को अवश्य राहत प्रदान करेगी।साथ ही ये स्थान का सोंदर्य भी बढ़ाती है।सफेद एवं लाल रंग के अलग अलग आकार में पुष्प होते है।

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच