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प्रवासी भारतीय लेखिका को मिला यू.ए.ई. का गोल्डन वीसा

हिंदी की 21 पुस्तकों की रचयिता, डॉ. आरती ‘लोकेश’ को यू.ए.ई. सरकार ने उनके उत्कृष्ट साहित्य के लिए सबसे प्रतिष्ठित गोल्डन वीसा प्रदान किया। यह उन्हें ‘जीनियसेस ऑफ़ टेलेंट’ (विलक्षण प्रतिभा) की श्रेणी में दस वर्षों के लिए दिया गया है।

डॉ. आरती द्वारा यू.ए.ई. को अपने साहित्य में दर्शाने के लिए दुबई के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा अनुशंसित किया गया। यू.ए.ई. की समृद्ध और सशक्त संस्कृति, हिंदी के उन्मुक्त प्रवाह को दर्शाते हुए उनसे बीस से अधिक आलेख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। यू.ए.ई. के दर्शनीय स्थलों का यात्रा वृत्तांत भी उनकी कलम से सृजित होकर सारे विश्व में पहुँचा है। यह उनके ढाई दशक से यू.ए.ई. में निवास का ही परिणाम है कि उनकी अनेक कहानियाँ यू.ए.ई. की पार्श्वभूमि पर रची गई हैं, जिनमें से उपन्यास ‘निर्जल सरसिज’ का कथानक तो सम्पूर्णतया यू.ए.ई. में ही घटित होता है। यू.ए.ई. के राष्ट्रीय वृक्ष ‘ग़ाफ़’ (खेजड़ी) पर रची गई उनकी कविता ‘मरुस्थल का राजा’ कई विद्यालयों में, ग़ाफ़ जागरूकता कार्यक्रम 2019 के दौरान सिखाई व सुनाई गई।

विश्वविद्यालय से हिंदी में स्वर्ण पदकधारी डॉ. आरती ‘अनन्य यू.ए.ई.’ नामक पत्रिका की संपादक होने के साथ-साथ शोध जरनल तथा अन्य पत्रिकाओं की सलाहकार भी हैं। भारत के टैगोर विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘विश्वरंग’ की वे यू.ए.ई. निदेशक हैं। उनके साहित्य व पुस्तकों पर विदेशी व देशी पाँच विश्वविद्यालयों में शोध कार्य किया जा रहा है।

अपने सामाजिक और साहित्यिक दायित्व के अंतर्गत उन्होंने यू.ए.ई. के बालकों व वयस्कों की रचनाओं की 5 पुस्तकों का संकलन व संपादन किया तथा ‘वागीश संस्था यू.ए.ई.’ की अध्यक्षा के नाते युवा रचनाकारों को मंच प्रदान करने का कार्य भी करती रही हैं। यू.ए.ई. के लगभग 80 हिंदी रचनाकारों को एकजुट कर वे समय-समय पर मार्गदर्शन करती रहती हैं। लगभग 70 से अधिक सम्मान व प्रशस्ति की स्वामिनी डॉ. आरती को सर्वप्रतिष्ठित ‘आप्रवासी भारतीय साहित्य सृजन सम्मान’ से 2023 में नवाज़ा गया जो प्रति दो वर्ष एक प्रवासी भारतीय साहित्यकार को दिया जाता है। जन्मदिन के उपहारस्वरूप अमूल्य उपलब्धि गोल्डन वीसा मिलने पर डॉ. आरती ने यू.ए.ई. यानि संयुक्त अरब अमीरात देश, इसके समुदाय और यहाँ के विनम्र व उदारमना शासकों को धन्यवाद दिया। उनका मानना है कि दूरदृष्टा शासकों का यह उपक्रम कला, प्रतिभा और संस्कृति को निखारने, सँवारने व सँभालने की नीयत व अभियान को दर्शाता है जो कि किसी भी लिंग, भाषा, राष्ट्रीयता, जाति और वंश से प्रभावित नहीं होता। डॉ. आरती का विश्वास है कि सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम बहुगुणित होकर अन्य आकांक्षी रचनाकारों को साहित्य-पथ पर अग्रसर रहने व चमकने में सहायक व पोषक होगा।

डॉ. आरती ‘लोकेश’

दुबई, यू.ए.ई. Mobile: +971504270752 Email: [email protected] https://www.amazon.com/author/drartilokesh https://notionpress.com/author/314504