वृक्षों को काटने से बचाएँ
प्रदूषण और महामारियों जैसी आधुनिक चुनौतियों का समाधान पौधरोपण में निहित है।औषधीय पौधे का आर्युवेद में महत्व है।जिनसे महामारियों पर अंकुश लगाया जा सकता है।साथ ही कई पौधे हमें वृक्ष के रूप में आक्सीजन देकर पर्यावरण को शुद्ध करते है।नासा के वैज्ञानिकों ने पिछले वर्षो के वैश्विक तापमान का मासिक विश्लेषण भी किया। मौसमों में ज्यादा बदलाव यानि अधिक गर्मी के करीब पहुँचना चिंतनीय सवाल खड़े करता है। क्या मौसम के निर्धारित माह अपने माह को आगे बढ़ा रहे है ?अधिक जंगल काटने से ज्यादा कार्बन उत्सर्जन .अधिक मौसम परिवर्तन और सबके लिये कम संपन्नता ही प्राप्त होगी | ये सर्वविदित है कि वृक्षों से ताप का नियंत्रण होता और वायुमंडल की विषाक्तता भी कम होती है | जितने अधिक वृक्ष होगें वातावरण उतना ही शुद्ध एवं स्वच्छ होगा |वृक्षों होने से वन्य प्राणियों की जीवन सुखद होगा | भविष्य मे हरित क्रांति को विलुप्त होने से बचाने हेतु वर्षा ऋतू के समय वृक्षारोपण के पुनीत कार्य में भागीदारी निभाने की सोच विकसित करें | कोई भी निर्माण के पूर्व इस स्थान पर पेड़ है वहां पेड़ो के ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया अपनाई जाने से वृक्षों को पुनर्जीवन प्राप्त होगा साथ ही वृक्षो की कटाई भी बंद होगी।वृक्षारोपण नए रोपण में तथा वृक्ष को बढ़ा होने का समय बच जाएगा।क्योंकि फल देने के पूर्व वृक्षो को अपनी बलि देनी पड़ती थी। ईश्वर के रूप मनोकामनाओं का आशीर्वाद वृक्ष हम सबको देते आए है।तो क्यों न हम पेड़ो को कटने से बचाए और ट्रांसप्लांट विधि अपनाए।जिससे वृक्ष पर आश्रित पशु पक्षी का आसरा और राहगीरों की छांव बरकरार रहे।
— संजय वर्मा “दृष्टि”