कविता

उठो जागो

उठो…।जागो…। क्यों अब तक तुम सोए हो,
भोर हो चुकी कबके, क्यों सपनों में खोए हो।
सपन सलोने देखो लेकिन याद रखो यह बात सदा,
कठिन परिश्रम बिन सपना ना कभी किसी का पूर्ण हुआ।
त्यागो यह अलसाई चादर, चुस्ती का प्याला भर लो,
लक्ष्य को अपने पाने का तुम स्वयं से ही वादा कर लो।
एकाग्र रखो मन चित्त को अपने, इधर उधर ना भटकने दो,
दुनियाभर की बातों में मस्तिष्क को नहीं उलझने दो।
एक लक्ष्य कर साधो उसको, हर बाधा को जय जाओ,
कर्म करो तुम कर्म करो बस, सद्कर्मों से विजय पाओ।

— मुकेश जोशी ‘भारद्वाज’

मुकेश जोशी 'भारद्वाज'

पता - ग्राम - टकौरा, पोस्ट ऑफिस - ऐंचोली, जिला - पिथौरागढ़, उत्तराखंड, 262530 मोबाइल नंबर - 9719822074 व्यवसाय - शिक्षक प्रकाशित कृतियाँ - हिंदी से हम, सृजन के फूल, चंद्रयान साझा काव्य संग्रह, सहित्यनामा पत्रिका में समय समय पर कविताएं प्रकाशित।