सामाजिक

जीवन हो या रिश्ता, लम्बा भले ही न हो, लेकिन अर्थपूर्ण और प्रासंगिक हो

जीवन एक अनमोल उपहार है और जीवन के हर पल का सदुपयोग करना हमारा कर्तव्य है। हम कितने समय तक जीवन जीते हैं? यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हम कैसे और किस लिए जीते हैं? हमारा जीवन वास्तव में अर्थपूर्ण और प्रासंगिक होना चाहिए, ताकि हम दुनिया में सकारात्मक बदलाव ला सकें। जीवन क्षणभंगुर है, यह सत्य हम सभी जानते हैं, फिर भी हम अक्सर लंबी उम्र की चाह में रहते हैं, यह भूल जाते हुए कि जीवन की सच्ची खुशी हर पल में छिपी होती है। हम कितने समय तक जीते हैं, यह हमारे हाथों में नहीं होता, लेकिन हम कैसे और किस लिए जीते हैं, यह पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में होता है। जहां तक देखा जाए तो एक अर्थपूर्ण जीवन वह होता है, जिसमें हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत व प्रयास करते हैं, हम दूसरों की मदद करते हैं और अपने वातावरण और समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करते है। हमें अपने अस्तित्व (ज़िंदगी) में बेहतर लक्ष्य के साथ ही चलनी चाहिए क्योंकि हमारा लक्ष्य सदैव हमें प्रेरित करते रहते हैं और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा देते हैं। ये लक्ष्य व्यक्तिगत, पेशेवर या सामुदायिक हो सकते हैं। जब हम अपने लक्ष्यों को पूरा करते हैं, तो हमें आत्म-संतुष्टि और गर्व महसूस होता है। यथार्थ में एक उत्कृष्ट और सुसंगत जीवन का आधार हमारे व्यक्तिगत मूल्यों और सिद्धांतों पर टिका होता है। जब हम अपने मूल्यों के अनुसार कार्य करते हैं, तो हमें आंतरिक संतुष्टि और मन की शांति मिलती है। यह हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है और जीवन में स्थिरता और उद्देश्य का अनुभव कराता है। एक औचित्यपूर्ण जीवन वह होता है जो समाज के लिए उपयोगी हो। यह एक ऐसा जीवन होता है जिसमें हम अपनी प्रतिभा और क्षमताओं का उपयोग अक्सर दूसरों की भलाई के लिए किया करते हैं। हम सामाजिक मुद्दों को हल करने में योगदान करते हैं, और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए काम करते हैं। ठीक इसी प्रकार, रिश्ते भी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे हमें भावनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं। परिवार, दोस्त, प्रेमी, जीवनसाथी – ये सभी रिश्ते हमें प्यार, समर्थन और खुशी देते हैं। लेकिन क्या हर एक रिश्ता सार्थक होता है? क्या हर रिश्ता जिंदगी भर टिकने के लिए बना होता है? रिश्तों की लंबाई से अधिक महत्वपूर्ण है उनका गहराई और महत्व। कई बार, हम कुछ रिश्तों को जीवनभर निभाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यदि वे रिश्ते हमें संतुष्टि और खुशी नहीं प्रदान कर रहे होते तो उनकी लंबाई का कोई महत्व नहीं होता। रिश्तों की प्रासंगिकता इस बात पर निर्भर करती है कि वे हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं। एक छोटा, लेकिन गहरा और अर्थपूर्ण रिश्ता हमें अधिक संतुष्टि प्रदान कर सकता है। एक अर्थपूर्ण रिश्ते वह होता है जिसमें हम कुछ ऐसा करते हैं जिससे हमें खुशी और संतुष्टि मिलती है। यह कुछ भी हो सकता है, जैसे कि किसी प्रियजन की देखभाल करना, उनसे संपर्क स्थापित करके रखना, उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना, किसी जरूरतमंद की मदद करना, या किसी के सपने को पूरा करने में मदद करना। सच्चे रिश्ते प्यार और सम्मान की नींव पर टिके होते हैं। इनमें स्वार्थ की कोई जगह नहीं होती। खुलेपन और ईमानदारी से बने रिश्ते बेहद मजबूत होते हैं। कुछ रिश्तों में मतभेद होते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि हम समझौता करना और क्षमा करना सीखें। सार्थक रिश्ते हमें आगे बढ़ने और बेहतर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। रिश्तों को निभाने के लिए रिश्तेदार के लिए समय और उनका ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। हर रिश्ता हमें कुछ न कुछ जरूर सिखाता है। कुछ रिश्ते हमें खुशी और प्यार देते हैं, तो कुछ हमें दर्द और निराशा। रिश्तों से जुड़ी यादें हमेशा हमारे साथ रहती हैं। भले ही वो रिश्ते अब न हों, लेकिन वो यादें हमें हमेशा खुशी और प्रेरणा देती रहती हैं। तथापि एक छोटा जीवन और रिश्ता भी अर्थपूर्ण और प्रासंगिक हो सकता है, यदि हम उसे सही तरीके से अंगीकार करते हैं। क्योंकि जीवन और रिश्ते, दोनों ही हमारे अस्तित्व के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। हमारे जीवन में जितने भी अच्छे रिश्ते होते हैं, वे हमें खुशी, प्यार, और समर्थन प्रदान करते हैं। हालांकि, इनका समयावधि मायने नहीं रखता, बल्कि उनका अर्थ और प्रासंगिकता अधिक महत्वपूर्ण होती है। यह बात हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी लागू होती है। चाहे जीवन हो या रिश्ता, लंबाई से अधिक उनके महत्व और प्रासंगिकता का महत्व होता है।
अर्थपूर्ण जीवन और रिश्ते कैसे प्राप्त करें-

  • स्वयं की पहचान करें : जीवन और रिश्तों का महत्व समझने के लिए सबसे पहले स्वयं की पहचान करें। अपनी इच्छाओं, लक्ष्यों, और मूल्यों को समझें। जब आप स्वयं की पहचान करेंगे, तो आप अपने जीवन और रिश्तों को अधिक अर्थपूर्ण बना सकेंगे।
  • उद्देश्य निर्धारित करें : अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करें। यह उद्देश्य आपको दिशा देगा और आपके जीवन को अधिक प्रासंगिक बनाएगा। उद्देश्य के बिना, जीवन और रिश्ते दोनों ही अर्थहीन हो सकते हैं।
  • गुणवत्ता पर ध्यान दें : रिश्तों की लंबाई से अधिक उनकी गुणवत्ता पर ध्यान दें। अपने रिश्तों में गहराई और सच्चाई बनाए रखें। एक गहरा और अर्थपूर्ण रिश्ता, भले ही छोटा हो, अधिक संतुष्टि प्रदान करता है।
  • खुशियों का अनुसरण करें : जीवन में खुशियों का अनुसरण करें। अपनी खुशी को प्राथमिकता दें और उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको खुशी देती हैं। खुशियों से भरा जीवन अधिक अर्थपूर्ण होता है।
  • समय का सदुपयोग करें : अपने समय का सदुपयोग करें। हर दिन को अर्थपूर्ण बनाएं और अपने समय का सही उपयोग करें। जब आप अपने समय का सही उपयोग करेंगे, तो आपका जीवन अधिक प्रासंगिक और संतोषजनक होगा।
  • प्रियजनों को समय दे : अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • क्षमा करे और आगे बढ़े : अतीत में हुए गलतियों को जाने दें और आगे बढ़ने पर ध्यान दें।
    उदाहरण स्वरूप देखा जाए तो हमारे देश में ऐसे बहुत सारे महापुरुष हुए जैसे- भक्त रवि दास, स्वामी विवेकानंद, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, छत्रपति शिवाजी महाराज, रामानुजन, भगत सिंह, जिनका जीवन काफी अर्थपूर्ण और प्रासंगिक है। जिन्होंने कम समय में अथवा अपने अल्प जीवन काल में समाज और देश के लिए अद्भुत कार्य किए और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाए। निष्कर्षत यहां कहा जा सकता है कि जीवन और रिश्ते दोनों ही हमारे अस्तित्व के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। हालांकि, इनका समयावधि मायने नहीं रखता, बल्कि उनका अर्थ और प्रासंगिकता अधिक महत्वपूर्ण होती है। हर किसी का अनुभव और नजरिया अलग होता है। जो एक व्यक्ति के लिए सार्थक है, वो दूसरे के लिए नहीं हो सकता। जीवन और रिश्तों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हम हार न मानें और इन चुनौतियों का सामना करें। जीवन का उद्देश्य, रिश्तों की गहराई, गुणवत्ता और महत्व, खुशियों का अनुसरण हमारे जीवन को अर्थपूर्ण और प्रासंगिक बनाते हैं। इसलिए, चाहे जीवन हो या रिश्ता, लम्बा भले ही ना हो, लेकिन उनका अर्थपूर्ण और प्रासंगिक होना ही सबसे अधिक अहमियत रखता है। अंत में, यह कहना चाहूंगा कि जीवन और रिश्ते बेशकीमती उपहार हैं, इनकी कद्र करें और इन्हें अर्थपूर्ण और प्रासंगिक बनाएं ताकि आप निश्चित रूप से एक खुशहाल, संतुष्ट और सकारात्मक जीवन जी सके।।

— डॉ. पंकज कुमार भारती

डॉ. पंकज भारती

सचिव- बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ इकाई- तरैया, सारण कार्यरत:- उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, इसुआपुर, जिला- सारण, बिहार। मास्टर ट्रेनर- SCERT Patna, Bihar निवास स्थान:- छपरा, सारण, बिहार संपर्क- (Mob/WhatsApp) 7549519596