कविता

रक्षाबंधन

भाई बहन के प्यार को जो दर्शाता है,
वो बंधन सबसे प्यारा होता है,
भाई बहन की रक्षा की कसम खाता है,
वो बंधन रक्षाबंधन कहलाता है।
भाई की कलाई इंतजार करती है,
बहन की राखी उसको भरती है,
सावन के महीने में राखी आती है,
रिश्तों में मिठास घोल जाती है।
बहने बेसब्री से करतीं हैं इस दिन का इंतज़ार,
क्या क्या देगा उसका भाई उपहार,
वर्षों से चली आ रही है ये परंपरा,
कितना सुंदर है देखो ये त्योहार।

— डॉ. जय महलवाल

डॉ. जय महलवाल

लेफ्टिनेंट (डॉक्टर) जय महलवाल सहायक प्रोफेसर (गणित) राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर कवि,साहित्यकार,लेखक साहित्यिक अनुभव : विगत 15 वर्षो से लेखन । प्रकाशित कृतियां : कहलूरी कलमवीर,तेजस दर्पण,आकाश कविघोष ,गिरिराज तथा अन्य अनेक कृतियां समाचार पत्रों एवम पत्रिकाओं में प्रकाशित प्राप्त सम्मान पत्रक या उपाधियां : हिंदी काव्य रत्न २०२४, कल्याण शरद शिरोमणि साहित्य सम्मान२०२२, कालेबाबा उत्कृष्ठ लेखक सम्मान२०२२,रक्तसेवा सम्मान २०२२ 22 बार रक्तदान कर चुके हैं। (व्यास रक्तदान समिति, नेहा मानव सोसाइटी, दरिद्र नारायण समिति देवभूमि ब्लड डोनर्स के तहत) महाविद्यालय में एनसीसी अधिकारी भी हैं,इनके लगभग 12 कैडेट्स विभिन्न सरकारी (पुलिस,वन विभाग,कृषि विभाग,aims) सेवाओं में कार्यरत हैं। 1 विद्यार्थी सहायक प्रोफेसर और 1 विद्यार्थी देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT में सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही में इनको हिंदी काव्य रत्न की उपाधि (10 जनवरी) शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा नवाजा गया है। राष्ट्रीय एकता अवार्ड 2024 (राष्ट्रीय सर्वधर्म समभाव मंच) ई– ०१ प्रोफेसर कॉलोनी राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर हिमाचल प्रदेश पिन १७४००१ सचलभाष ९४१८३५३४६१