राजनीति

गोवंश के हित में मप्र शासन की नीति स्वागत योग्य

गोवंशीय में होने वाले बीवीडी का टीका तैयार खबर पढ़ी। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान(निषाद )के वैज्ञानिकों ने गोवंशीय पशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारी बोवाइन वायरल डायरिया (बीवीडी)वायरस से होने वाली बीमारी का टीका तैयार कर लिया जो शीघ्र बाजार में उपलब्ध होगा। माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने गौ हित में पुनीत निर्णय लिए आपकीं गौ सेवा के प्रति भक्ति वाकई प्रेरणादायक है। माननीय डॉ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने प्रदेश की जनता से अपील की अगर आपके पास के हित पर्याप्त जगह है तो गाय अवश्य पालें क्योंकि एक गौ पालक ही गाय का असली-वंश मिलने वाली रु 20 की राशि बढ़ाकर रु 40 का निर्णय, चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्णय, गौशालाओं को भूसा प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों अनुदान तथा प्रोत्साहन, प्रत्येक 50 किलोमीटर पर घायल गाय को इलाज के लिए परिवहन हेतु हाइड्रोलिक केटल लिफ्टिंग वाहन व्यवस्था अंतर्गत प्रबंध का निर्णय, अधूरी गौशालाओं का निर्माण कर नई गौशालाओं प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया जो गौ के हित में प्रशंसनीय है। दस से अधिक गाय पालने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान खबर पढ़ी। माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ये भी घोषणा की वृद्ध, अस्वस्थ, अपाहिज व असहाय गायों को पालने के लिए कांजी हाउसों को गोशाला के रूप में विकसित किया जाएगाउसके पूर्व प्रदेश मे गोवंश वध रोकने के लिए प्रदेश सरकार की पहल भी प्रशंसनीय है। अब गोवंश के अवैध परिवहन में लगे वाहनों को कलेक्टर राजसात कर सकेंगे। अवैध परिवहन वालो पर संशोधित अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जावेंगी। मप्र शासन की पुनीत घोषणा गायों के हित मे लाभकारी है। वर्तमान बजट में भी गोवंश के लिए एक सराहनीय बजट रखा। देश में पवित्र माना जाता है लेकिन इससे भी अधिक बेहतर काम यह होगा कि अपने घर में ही गाय को पाला जाये ताकि गौवंश को सम्मान सहित दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो सके। देखा जाए तो गौ -संरक्षण एवं संवर्धन के तहत गौ रक्षा पालन संवर्धन हेतु सामाजिक धार्मिक संस्थाएं एवं सेवा भावी लोग लगातार संघर्षरत है। क्योकि गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। वर्तमान बजट में भी गोवंश के लिए एक सराहनीय बजट रखा। उसके पूर्व प्रदेश मे गोवंश वध रोकने के लिए प्रदेश सरकार की पहल भी प्रशंसनीय है। अब गोवंश के अवैध परिवहन में लगे वाहनों को कलेक्टर राजसात कर सकेंगे। अवैध परिवहन वालो पर संशोधित अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जावेंगी। आवारा शब्द पर पिछले वर्ष गाय के हित मे राजस्थान में ये पहल की गई थी कि गायों को अब कहा जाएगा आश्रयहीन कहा जायेगा। जयपुर नगर निगम सेंटर प्रशासन ने प्रशंसनीय निर्णय लिया है। इस तरह आश्रयहीन अथवा बेसहारा बोले जाने का निर्णय हर जगह इस्तेमाल होना चाहिए। देखा जाए तो विदेशों में तो गाय को गले लगाने का चलन जोरों पर चल रहा है। इसके द्वारा वे स्वयं को तनाव, अवसाद मुक्त होकर स्वस्थ महसूस कर रहे है। इस प्रयोग के लिए वे हजारों रुपये खर्च कर रहे है। हमारे यहाँ प्राचीन काल से ही स्पर्श, और गले लगाया जाता रहा गौ माता जिस जगह खड़ी रहती वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है। गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है। स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं। साथ ही गौ माता के महत्व को जाना जाता रहा। गाय का दूध रसायन का कार्य करता है। वैज्ञानिकों शोध की एवं धार्मिक ग्रंथों में ऐसी जानकारियां दर्शित है। गौमाता का ख्याल रखना और उसकी सेवा करना आवश्यक है।

— संजय वर्मा ‘दृष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच