राखी
सावन में आती राखी ।
बहिना का मन हर्षाती राखी ।।
स्नेह के धागों के संग ।
भाई की कलाई पर खिले रंग ।।
कच्चे धागे हैं अटूट ।
मन से राखी मिटाती खोट ।।
हर सावन में आती राखी ।
भाई -बहिन का स्नेह राखी ।।
भाई बहन की रक्षा की सौगंध खाता ।
ये रिश्ता सबसे पावन-पवित्र कहलाता ।।
चांद-सितारों सी चमकी राखी ।
मनभावन क्षण लाती है राखी ।।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा