बेटी मेरी है चिंता दूसरौ को हो रही है
बेटी मेरी है चिंता दूसरौ को हो रही है
कर दो ना शादी बेटी बड़ी हो रही है
25 बरस के जीवन सफ़र में
यौवन की इस डगर में
परीक्षा उसकी कड़ी हो रही है
हाँ, मेरी बेटी बड़ी हो रही है
वो क से कबूतर से लेकर
बायो की कक्षाओं तक
वो रस्सी की टप टप से लेकर
वो शतरंज के पियादों का मैनेजमेंट
वो कॉलेज का रोज़ाना वाला अप डाउन
वो नौकरी के इंटरव्यू का अरेंजमेंट
देखो आज मेरी बेटी
अपने पाँव पर खड़ी हो रही है
मेरी बेटी अब बड़ी हो रही है
जब भी वो बात सुनती है शादी की
झट से तिलमिला उठती है
बोझ लगती हूँ क्या आपको
यह कह वो झल्ला उठती है
सही है
अभी तो उसने कमाना सीखा है
अपनी पसंद से आना और जाना सीखा है
किचन में मनपसंद बनाना सीखा है
ख़ुद भी खाना और दूसरो को खिलाना सीखा है
देखो शहनायी की कहीं से अवाज क्या सुनी
उसकी आँखों में पानी की झड़ी हो रही है
मेरी बेटी देखो बड़ी हो रही है
लोग कहने लगे हैं कर दो हाथ पीले
वो भी ससुराल का सुख जी ले
सुनते ही लोगों की बातें
मेरी बेटी लाल पीली हो रही है
अब क्या ही कहें
बेटी मेरी है चिंता दूसरों को हो रही है
बार बार यही कहते हैं
कर दो ना शादी बेटी बड़ी हो रही है
— महेश कुमार माटा