पर्यावरण

मकड़ियों की मिमेंटस संख्या में बढ़ोत्तरी 

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण ने की  मकड़ी की दो  नई प्रजातियों की खोज   खबर समाचार पत्रों में पढ़ने को आई |भारत में आखिरी मिमेटस प्रजाति के 118 साल बाद की  खोज है|मिमेटस स्पिनेटस को कर्नाटक एवं मिमेंटस पार्वूलस केरल सहित अब मिमेंट्स प्रजाति की संख्या तीन होगई |उल्लेखनीय है कि  देश का पहला मकड़ालय (अरकेरियम )जबलपुर में निर्मित होने से मकड़ियों की विभिन्न प्रजातियों को संरक्षित का माहौल मिलेगा | मकड़ियों के वेनम से कई दवाएं बनाने का काम भी मकड़ालय में शुरू किया गया है |दीवाली पर घरो में साफ -सफाई करने पर कई प्रकार की मकड़िया हटा दी जाती है | यदि इन मकड़ियों में विशेष प्रजाति की पहचान कर उन्हें मकड़ालय में सूचना दी जाती तो ये उपयोगी होगा| मकड़ी इंसान के शरीर पर मसल जाने पर त्वचा पर एलर्जी उत्पन्न करती है |मकड़ी पर फ़िल्में भी बनी है |मकड़ी कई डिजाइन वाले जाले बुनती है |एक जाला तो सफ़ेद पर्दे के समान होता है जिसे पहले के जमाने में चोट लगने पर ,चोट वाले स्थान पर चिपका दिया जाता था ताकि संक्रमण से बचा जाकर घाव जल्द ठीक हो सके |छोटे बच्चे धागे की खाली गट्टी के एक सिरे पर मकड़ी के सफ़ेद जाले को चिपकाकर दूसरे सिरे से बाजा बनाकर गाने की धुन निकालकर मनोरंजन करते थे |मकड़ी का जाला तेज आंधी ,बारिश में टूटता नहीं वर्तमान में इसी खासियत की वजह से बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने पर जोर दिया गया |खैर ,हमे विशेषताओं को देखते हुए पहचान कर संरक्षित कार्य पर ध्यान देना होगा |मकड़ियों के वर्गीकरण और जैव भूगोल हेतु व्यापक सर्वेक्षण और शोध की आवश्यकता है |   

— संजय वर्मा ‘दृष्टि ‘ 

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच