शिक्षक दिवस विशेष
शिक्षक का किरदार जीवन में उस बैकग्राउंड म्यूज़िक कि तरह होता हैं, जिसकी उपस्थिति मंच पर तो दिखती नही, परंतु उसके होने से नाटक में जान आ जाती है। हमारे जीवन मे शिक्षक की भूमिका भी वैसी होता है। चाहें आप जीवन के किसी भी पड़ाव पर हों।मेरे जीवन को संवारने में मेरे गुरुवरो का अमूल्य स्नेहपूर्ण सहयोग रहा है। लेख में सभी गुरुदेवो के बारे में बता पाना संभव नहीं हैं। अतः आप सभी को अपने-स्नेह रूपी हृदय का अर्घ्य समर्पित करता हूँ।
सच कहूं तो मेरे गुरुदेवो के श्रीमुख से अकस्मात में भी निकला एक- एक शब्द आप्तवाक्य हुए हैं।हां मैं अपने गुरुदेवो से जुड़े एकबात और कहना चाहूंगा कि मैं जब भी आप लोगों से मिला हूँ,दिल से आज भी इतना भीत-भीत जाता हूँ।जब भी सामने बोलता हूँ हमेशा संदेह में रहता हू कि कहीं बोलने में कोई त्रुटि न हो जाए। मैं जितना विषम और भीषण परिस्थिति में रहा हूँ आप लोगो ने मुझे हमेशा उत्साहित और ऊर्जस्वित किया है और सही राह दिखाया है।जीवनभर अध्यापन के साथ निस्वार्थ सेवा,जीवन को सँवारने ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाने मे आप लोगो का महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर मैं अपने सभी गुरुदेवो का अभिनंदन करता हूँ सच्चिदानंद से प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी शतायु हों, सपरिवार सदैव स्वस्थ और सकुशल रहें।पुनःसभी गुरुदेवो को कोटिशःनमन !
— त्रिभुवन लाल साहू