कविता
दिल-विल, प्यार-मोहब्बत,
कसमें,ये सब दुनियादारी है
धरती पे रहने आए तो
ईमान ही हम सबकी जवाबदारी है|
गुलिस्ता में हम सब महकते रहे
यही एकता तो वफ़ादारी है
ऊपर वाले से कहते धरती पर
आपकी कितनी सुंदर कशीदाकारी है
— संजय वर्मा “दृष्टि”
दिल-विल, प्यार-मोहब्बत,
कसमें,ये सब दुनियादारी है
धरती पे रहने आए तो
ईमान ही हम सबकी जवाबदारी है|
गुलिस्ता में हम सब महकते रहे
यही एकता तो वफ़ादारी है
ऊपर वाले से कहते धरती पर
आपकी कितनी सुंदर कशीदाकारी है
— संजय वर्मा “दृष्टि”