कविता

स्मृतियां

यहां से बचकर कोई नहीं जायेगा
धीरे-धीरे जीवन का सूर्य अस्त हो जायेगा
तब हर अपना-पराया
साथ छोड़ जायेगा ।
जर्जर काया का
मोह- माया से संबंध टूट जायेगा ।
तब शेष बचेगीं
सिर्फ खट्टी- मीठी स्मृतियां…
तुम्हारी अच्छाइयां आगे बढ़कर
हाथ थामेंगी…
वही मोक्ष होगा…

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111