भाषा-साहित्य

शब्द शुद्धिकरण यज्ञ का यह निर्णय प्रशंसनीय है

पहले शाही शब्द हटाने का मुद्दा उठाया गया था जिसके फलस्वरूप अखाड़ा परिषद ने शाही व पेशवाई शब्दों हटाने का निर्णय लेकर प्रस्ताव पारित किया गया | शब्द शुद्धिकरण यज्ञ का यह निर्णय प्रशंसनीय है |देखा जाए तो वर्षो से शाही शब्द उर्दू भाषा का है |शाही शब्द शाहों या बादशाहों के कार्यकाल में प्रयुक्त होता था |शाही शब्द के पर्यायवाची शब्द हिंदी में है जैसे राजसी ,प्रतापी ,महान आदि जिनका उपयोग हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु आवश्यक भी है | शाही व्यंजन को देखे तो शाही पनीर,शाही आलू दम,शाहीदाल मखनी,शाही गोभी शाही शब्द के मुगल काल से शुरू होने की बात है |मप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अब शाही की जगह राजसी शब्द का इस्तेमाल करने की बात की है| शाही एक उर्दू शब्द है. किंतु हमारी प्राचीन भारत की संस्कृति है, जिसका निर्वहन करते आ रहे है वह उर्दू नहीं है, वह हिंदी और संस्कृत है|कई भोजनालयों के मेनू कार्ड पर अब खाने की चीजों को शाही के स्थान पर राजसी लिखा जाने लगा है|

— संजय वर्मा “दृष्टि “

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच

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