शब्द शुद्धिकरण यज्ञ का यह निर्णय प्रशंसनीय है
पहले शाही शब्द हटाने का मुद्दा उठाया गया था जिसके फलस्वरूप अखाड़ा परिषद ने शाही व पेशवाई शब्दों हटाने का निर्णय लेकर प्रस्ताव पारित किया गया | शब्द शुद्धिकरण यज्ञ का यह निर्णय प्रशंसनीय है |देखा जाए तो वर्षो से शाही शब्द उर्दू भाषा का है |शाही शब्द शाहों या बादशाहों के कार्यकाल में प्रयुक्त होता था |शाही शब्द के पर्यायवाची शब्द हिंदी में है जैसे राजसी ,प्रतापी ,महान आदि जिनका उपयोग हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु आवश्यक भी है | शाही व्यंजन को देखे तो शाही पनीर,शाही आलू दम,शाहीदाल मखनी,शाही गोभी शाही शब्द के मुगल काल से शुरू होने की बात है |मप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अब शाही की जगह राजसी शब्द का इस्तेमाल करने की बात की है| शाही एक उर्दू शब्द है. किंतु हमारी प्राचीन भारत की संस्कृति है, जिसका निर्वहन करते आ रहे है वह उर्दू नहीं है, वह हिंदी और संस्कृत है|कई भोजनालयों के मेनू कार्ड पर अब खाने की चीजों को शाही के स्थान पर राजसी लिखा जाने लगा है|
— संजय वर्मा “दृष्टि “