धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गौमाता की सेवा को प्रमुख स्थान देवें

भारतीय संस्कृति में गौ सेवा का प्रमुख स्थान है | गाय हमें सात्विक श्रद्धा प्रदान करती है |गौ हत्या हो रही है उस पर रोक लगनी चाहिए |आय का गोबर,गौमूत्र ,दूध एक धन संपदा के रूप में हमें उपहार देती आई है | जिससे हमारे धार्मिक कार्य पूर्ण होते आये है। गोवंश की रक्षा हेतु सभी को जागृत रहना होगा।गौवंश की महिमा के बारे में ग्रँथों में उल्लेख है।गौ माता का (गोधूलि वेला ) जंगल से घर वापस लौटने का संध्या का  समय अत्यंत शुभ एवं पवित्र है । गाय का मूत्र गौ  औषधि है।माँ शब्द की उत्पत्ति गोमुख से हुई है । मानव समाज में भी माँ शब्द कहना गाय से सीखा है ।जब गौ वत्स रंभाता है तो” माँ” शब्द गुंजायमान होता है ।गौ -शाला में बैठकर किये गए यज्ञ हवन ,जप-तप का फल कई गुना मिलता है।माननीय डॉ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने प्रदेश की जनता से अपील की अगर आपके पास के हित पर्याप्त जगह है तो गाय अवश्य पाले।धार्मिक ग्रंथों में लिखा है “गावो विश्वस्य मातर :”अर्थात गाय  विश्व की माता है।देखा जाए तो हमारा पूरा जीवन गाय पर आधारित है।गाय की  देखभाल भी आवश्यक है क्योकि गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।अतः  मध्यप्रदेश में राज्य माता-स्वदेशी गौ माता” का दर्जा दिया जाना चाहिए।

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच