दिल
या दिल ले ले या दिल दे दे
ना रख चीज परायी आस
जिंदगी का क्या भरोसा
एक दिल ही तो होता है खास
चाहत तो यही कहती
तुम सदा मेरे दिल में करना वास
छोड़ कर कभी न जाना प्रिये
जिंदगी मुझे ना आएगी रास।
— संजय वर्मा “दृष्टि”
या दिल ले ले या दिल दे दे
ना रख चीज परायी आस
जिंदगी का क्या भरोसा
एक दिल ही तो होता है खास
चाहत तो यही कहती
तुम सदा मेरे दिल में करना वास
छोड़ कर कभी न जाना प्रिये
जिंदगी मुझे ना आएगी रास।
— संजय वर्मा “दृष्टि”