कविता

लक्ष्य की ओर

मन में लक्ष्य हो ऊँचा, डग में आत्मविश्वास,
हर कदम में हो संकल्प, न हो कोई विश्राम।
सपनों की न सही सीमाएँ, खुद की हो पहचान,
आगे बढ़ते चलो, पाओगे सफलता का गान।

जो दिल में चाहत हो, वही रास्ता बने,
हिम्मत से हर मुश्किल, आसान हो जाए।
लक्ष्य पाने की राह पर, ना रुकें, ना थमें,
सपने सच होंगे, बस विश्वास कभी न कम हो।

— डॉ. आकांक्षा रुपा चचरा

डॉ. आकांक्षा रूपा चचरा

शिक्षिका एवम् कवयित्री हिंदी विभाग मुख्याध्यक्ष, कवयित्री,समाज सेविका,लेखिका संस्थान- गुरू नानक पब्लिक स्कूल कटक ओडिशा राजेन्द्र नगर, मधुपटना कटक ओडिशा, भारत, पिन -753010

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