भारत में गणित विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता
भारत में रामानुजन और आर्य भट्ट जैसे महान गणितक पैदा हुए हैं। भारत में विभिन्न गणितीय शोध की पहचान रामानुजन और आर्य भटृ ने दिलवायी है। कुछ छात्र इस विषय में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वे एक उबाऊ और कठिन, जटिल विषय मानते है।
केवल छात्र ही नही शिक्षकों भी विषय को पहले मुश्किल मानते है। गणित विषयों प्रेरित करने के लिए गणित विषयों के बारे में छात्रों को ज्ञान दे , उसके तत्वों के बारे में , गणित के पाठ्यक्रमों, गणित क्षेत्र में नौकरियों और रोजगार के अवसर बहुत महत्वपूर्ण है। गणित विषयों और छात्रों के लिए इसके महत्व के लिए गणित महीने मे गणित सप्ताह, गणित जश्न मनाने की जरूरत है।
संबंधित गणित विषयों बुद्धिजीवी, विशेषज्ञों, प्रासंगिक गणित सामग्री, गणित, साहित्य और गणित विश्वविद्यालय के अलग निर्माण से गणितीय तत्वों एक ही जगह में उपलब्ध करावाया जाए ।गणित के तरीके आसान और दिलचस्प बनाने के लिए के लिए खोज की जाए। गणित के अनुसंधान काफी हद तक जरूरी है। कुछ एक बदलाव करने की जरूरत है। गणित की आज बहुत अधिक मांग है। इसके बिना, हर जीवन, हर राज्य और हर देश अधूरा है। पुस्तकों को विशेषज्ञों से मिलकर बीजगणित ,त्रिकोणमिति को आसान बनाना चाहिए।बच्चों को वास्तविक मे गणित पढ़ने का उद्देश्य पता नहीं है। । विश्वविद्यालय को समय-समय पर छात्रों को मार्गदर्शन करने के स्कूलों और कॉलेजों मे अपने विशेषज्ञों को भेजना चाहिए ।
10 वीं कक्षा तक गणित सरल और मूल भाषा मे है। लेकिन 11th मे विषय पाठ्यक्रम के रूप में, नए क्षेत्र और विदेशी भाषा में छात्रों अक्सर होल्ड खो रहे है। लेकिन हर संभव तरीके से बुद्धिजीवियों की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। समय हमेशा बदलता है। इस बदलाव में पूर्ण भूमिका सरकार की होनी चाहिए । पहले से ही चिकित्सा विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, की स्थापना के रूप मे हो चूकी है। गणित विश्वविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। इसके बारे मे सरकार को मूलरूप में पूरा विचार करना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार को गणित विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल करनी चाहिए
— विजय गर्ग