बांग्लादेश की हरकतें निंदनीय है
भगवा से बचे,तुलसी की माला छिपाएं और तिलक न लगाएं खबर पढ़ी। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यको व इस्कान के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं की देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह इस्कान कोलकाता द्वारा दी जा रही है।धर्मनिरपेक्षता का हमारे देश में शांति पूर्ण,मैत्रीयता, का पालन होता है वैसा बांग्लादेश में कहाँ होता है।सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया ही वहां की घटनाओं का सच उजागरकरती आ रही है।अगर ये उजागर नही करती तो वहाँ रह रहे साधु -संतों एवं हिंदू अल्पसंख्यको को धमकी ,हिंसा की हो रही घटनाओं का पता भी नही चलता।कुछ दिनों पूर्वबांग्लादेश में अराजकता ,अब भारतीय बस पर हमला खबर पढ़ी|बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में अब कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है जोकि उचित है | महज घटना की निंदा करने से काम चलने वाला नहीं है | वहां के प्रशासन से भारतीय लोगो की सुरक्षा हेतु सख्त निर्देश प्रशासन को दे|बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के हटने के बाद से ज्यादा बाद ज्यादा बढ़ गया| बांग्लादेश में अब तक हिंदू आबादी कम ही हुई है |जिसका प्रमुख कारण हत्या,अपहरण ,धमकी,धर्म परिवर्तन आदि से हिंदू आबादी का प्रतिशत काफी कम हुआ|सत्तर के दशक में पाकिस्तानी सेना के काफी अत्याचार से बांग्ला देशी लोग भारत में किसी भी तरीके से आने को मजबूर हुए |पाकिस्तान यही चाहता था कि यहाँ का मत प्रतिशत गड़बड़ा जाए|आधार कार्ड के फर्जीवाड़ा की घटनाएं भी सामने आई थी |सवाल ये उठता है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर धमकी ,अत्याचार एवं नरसंहार पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संग़ठन व ,सभी देशो की होने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बैठकों में यह मुद्दा क्यों नही उठाया जा रहा है?जबकि भारत देश हमारा विश्व शांति ,मेत्रीयता,अहिंसा ,सहयोग हेतु सदैव अग्रणी रहा | जिसका लोहा आज कई देश भी मान रहे है |बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार ,धमकी और नरसंहार पर अंकुश लगाया जाए| भविष्य में बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान की तरह व्यवहार किया जावेगा |
— संजय वर्मा ‘दृष्टि’