कविता

उनको मैं क्या दूँ ?

जो मेरे जीवन का अन्धकार मिटाके,
मेरे मन को रोशन कर दे,
ऐसे उन दोस्त को मैं क्या दूँ ?

जो मेरी खोयी राह पर,
वापस चलना सीखा दे
उन पथप्रदर्शक को मैं क्या दूँ ?

जो रात के काले बादल हटाके,
मुझे भोर की प्रथम किरण दिखाए
उन सूर्य सम को मैं क्या दूँ?

जो मेरे दुखों को अपना समझके,
मेरे सुख की कामना करे
उन दुखहर्ता को मैं क्या दूँ ?

जो मुझे मेरे भगवान से मिला,
मुझे उनके चरणों में स्थान प्राप्त कराये
उन गुरु को मैं क्या दूँ ?

जो मेरी तकलीफ महसूस कर,
मुझे साहस बँधायें
उन वैद्य को मैं क्या दूँ ?

जो मेरे परिवार को अपना समझ,
मेरे ईंट के घर को अपना बनाये
उन परिवार के सदस्य को मैं क्या दूँ ?

जब सबने नाता तोड़ दिया,
विषम परिस्थिति में मुँह मोड़ लिया
उन मददगार को मैं क्या दूँ ?

मेरे जीवन में इतने किरदार निभाए,
बांके बिहारी से मुझे मिलाये
उनको मैं क्या दूँ ?

— सौम्या अग्रवाल

सौम्या अग्रवाल

पता - सदर बाजार गंज, अम्बाह, मुरैना (म.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - "प्रीत सुहानी" ईमेल - soumyaagrawal2402@gmail.com