हर खुशी को संभाल रखा है
हर खुशी को तेरे लिए संभाल रखा है।
तुम क्या हो पता है,मुझे
इसलिए सभी को जिंदगी से टाल रखा है।।
तेरे लिए मैने एक नाम संभाल रखा है।
तेरे पास आने से होता है ठंड का एहसास
इसलिए तेरा नाम नैनीताल रखा है।।
तेरे लिए मेरे मन एक सवाल रखा है।
तुम देखने में बवाल लगती हो,
फिर भी मैने अपने आप को संभाल रखा है।।
तेरा इंतजार मैने पूरे साल रखा है,
क्यूं कराया इतना इंतजार
तेरे लिए ही मैने मोहब्बत जैसी बला को पाल रखा है।।
तेरे अल्फाज़ो में आज भी कमाल रखा है।।
तुम इतनी शान्त क्यूं हो
हर खुशी को तेरे लिए ही संभाल रखा है।
— प्रशांत अवस्थी ‘रावेन्द्र भैय्या’