मनु स्मृति ने नहीं कुरान ने खत्म किया भारत के ओबीसी राजाओं का साम्राज्य
आज जिनको संविधान में ओबीसी जातियों में रखा गया है ये इस्लामी आक्रमण की शुरुआत के वक्त बहुत बड़े पैमाने पर भारत के अंदर राज शासन चला रही थीं ।
जिस समय भारत में मुस्लिम आक्रमण शुरू हुआ तब दक्षिण भारत और मध्य भारत में सबसे विशाल दो बड़े साम्राज्य मौजूद थे, देवगिरी और होयसल । ये दोनों साम्राज्य यदुवंशी क्षत्रियों यानी यादवों के थे । ये दोनों साम्राज्य इतने बड़े थे कि भारत का एक चौथाई भारत था। -अलाउद्दीन खिलजी ने 1296 में देवगिरी पर हमला कर यादवों को हराया और कब्जा कर लिया । कुरान को मानने वाले मुसलमानों ने देवगिरी को छीनकर उसका नाम दौलताबाद कर दिया । बड़े दुख की बात ये है कि उस युद्ध में लुटेरे खिलजी ने यादव राजा रामचंद्र के बेटी जत्यपाली का अपहरण कर लिया था और दिल्ली लाकर सालों तक उसका बलात्कार किया जाता रहा । लेकिन ये बड़े दुख की बात है कि आज के यादव इन अपमानजनक बातों को भूलकर झूठी गंगा जमुनी तहजीब के गुण गा रहे हैं और भाईजान का चारा बन रहे हैं । अलाउद्दीन ख़िलजी के बाद यहां औरंगजेब का राज हुआ । बाद में वीर शिवाजी और पेशवा के नेतृत्व में ये सारा हिंदू क्षेत्र मुक्त करवाया गया था ।
इसी तरह होयसल साम्राज्य भी यादव क्षत्रियों के हाथों से चला गया। होयसल राजाओं ने 1050 से 1350 ईस्वी तक आज के तमिलनाडु और आज के कर्नाटक क्षेत्र के बड़े हिस्से पर 300 सालों तक राज किया था । करीब 100 सालों तक ये होयसल राजा इस्लामी तुर्क फारसी सुल्तानों से जंग लड़ते रहे । इनके आखिरी राजा का नाम वीर बल्लाल चतुर्थ था । 1346 में वीर बल्लाल को धोखे से मुसलमानों ने कैद कर लिया और पिता की तरह वीर बल्लाल की जिंदा खाल उतारी गई और फिर मार दिया गया । इसके बाद आख़िर में ये पूरा इलाका हैदर अली और टीपू सुल्तान के पास चला गया था । तो सवाल ये उठता है कि यादव लोग खासकर यदमुल्ले नाहक ही ब्राह्मणों को गाली देते हैं उनका राज तो मुसलमानों ने छीना था ।
इसी तरह इस्लामी हमलों के वक्त उत्तर भारत का बड़ा हिस्सा बौद्ध पाल वंश/सेन वंश और गुर्जर प्रतिहारों के पास था । हमलों के बाद इनका सारा इलाका दिल्ली सल्तनत बन गया और आख़िर में मुग़लों तक पहुँचा। जाट जाति के पास भी भारत के बड़े इलाकों का शासन रहा और वो करीब 700 सालों तक, अहमद शाह अब्दाली के हमले तक इस्लामी सुल्तानों से जमकर लोहा लेते रहे ।
तो मेरे प्रिय देशवासियों, मनुस्मृति में जिनको “शूद्र” कहा है वो तो बड़े बड़े इलाकों में भारत के अंदर राजपाट चला रहे थे । खुद अंबेडकर ने भी अपने लेखों में माना है कि भारत में शूद्र राजा भी शासन चला रहे थे । तो किसने ख़त्म किया यादवों, पाल, चालुक्य, काकतीय और गुर्जर प्रतिहारों का साम्राज्य? मनु ने नहीं खत्म किया । कुरान के मानने वालों ने भारत के इन ओबीसी राजाओं का खात्मा किया था ।
— दिलीप पाण्डेय