कविता

नये साल में!

हों स्वप्न सभी साकार आपके
नये साल में !

घर बाहर सूरज समृद्धि की
किरणें बरसाएं
सन्ध्यायें सुख-सुविधाओं के
मंगल दीप जगायें

स्वागत के सामान लिये हों
सभी थाल में !
हों स्वप्न सभी साकार आपके
नये साल में!

मन तरुवर में उगें कोपलें
नई निरन्तर
वाद- विवाद सभी मिट जाएं
दिखे कहीं न अन्तर

नेह सुगन्धित पुष्प खिलें फिर
डाल-डाल में !
हों स्वप्न सभी साकार आपके
नये साल में!

अधर अधर पर मुस्कानें ही
मुस्कानें हों
और क्षितिज छूने के खातिर
नई उडा़ने हों

भूले से भी भटक न जाना
चपल-चाल में !
हों स्वप्न सभी साकार आपके
नये साल में!

आतंको से मुक्त धरा का
हो कोना -कोना
विश्व बन्धुता बढे़,किसी को
पडे़ न कुछ खोना

कसम तुम्हें है फस मत जाना
नये जाल में !
हों स्वप्न सभी साकार आपके
नये साल में!

~- जयराम जय

जयराम जय

'पर्णिका' बी-11/1,कृष्ण विहार,आवास विकास कल्याणपुर कानपुर-208017(उ.प्र.) मो.नं. 9415429104; 8795811399 E-mail:[email protected]

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