बहुकोणीय दिल्ली विधानसभा चुनावों में रेवड़ियों पर दाँव
वर्ष 2025 का पहला विधानसभा चुनाव देश की राजधानी दिल्ली में होने जा रहा है। दिल्ली में विगत दस वर्षों से आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व्यक्तिगत और आप पार्टी के संयोजक के रूप में शराब घोटाले के मुख्य आरोपी हैं तथा सुप्रीम कोर्ट की दया पर जमानत पर घूम रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी शर्तों के बाद भी वह जनता के बीच लोकलुभावन घोषणाएं कर जनता को गुमराह कर रहे हैं कि मानो कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया हो। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया सहित कई अन्य मंत्री व विधायक जेल यात्रा कर चुके हैं तथा कई पर गंभीर आरोपों के चलते जमानत पर हैं।आप सरकार के दो विधायकों पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या को बसाने के मामले में गहन जांच चल रही है। अरविंद केजरीवाल पर शीशमहल जैसे कई अन्य घोटालों के भी दाग भी लगे हुए हैं। दिल्ली सरकार का शायद ही कोई भी विभाग ऐसा बचा है जहां हजारों करोड़ का घेटाला न हुआ हो और यह सच्चाई कैग रिपोर्ट से भी प्रकट हो रही है और यही कारण है कि आप सरकार ने कैग रिपोर्ट विधानसभा सत्र में प्रस्तुत नहीं करी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में आप सरकार को निशाने पर लेते हुए इसे आप-दा बाताया और जनता से इसे उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। इस बार कांग्रेस पार्टी भी दिल्ली चुनावों में कमर कस रही है तथा बसपा और एआईएआईएम जैसे कट्टर मजहबी भी चुनावी जंग में उतर चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने आप-दा के साथ ही रहने का मन बनाया है। 17 जनवरी को नामांकन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि के साथ ही चुनाव की तस्वीर एक सीमा तक स्पष्ट हो गई है। प्राथमिक और मोटे तौर पर दिल्ली चुनाव में सभी दल रेवड़ियों पर ही दाँव खेलते दिखाई दे रहे हैं शेष सभी मुद्दे गौण हैं।
भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र – दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी इस बार केजरीवाल को उसी की भाषा में उत्तर दे रही है। पार्टी ने आप के घोटालों, दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण, यमुना नदी की दयनीय स्थिति व मुफ्त नल की असलियत को मुददा बनाते हुए अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा ने अपना पूरा संकल्प पत्र नहीं जारी किया है अपितु उसका एक अंश ही जारी किया है और आगामी दिनों में वह कुछ योजनाएं व संकल्प लगातार जारी करती रहेगी। भाजपा इस बार झुग्गीवासियों का बहुत ध्यान रख रही है और उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का वादा किया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा की की ही तरह गरीबों के लिए 5 रुपये में भोजन देने की घोषणा करते हुए पार्टी ने कहा कि इसके लिए अटल कैंटीन योजना का आरम्भ किया जाएगा। मध्य प्रदेश,हरियाणा तथा राजस्थान में यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है तथा अत्यंत लोकप्रिय हो रही है।भाजपा रणनीतिकारों का मानना है कि गरीबों के लिए 5 रुपये में भोजन की योजना दिल्ली में भी गेमचेंजर साबित होगी।
भाजपा का संकल्प पत्र जारी करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनैतिक संस्कृति को काफी बदल दिया है आज से पहले राजनैतिक दल चुनावी घोषणाओें को भूल जाया करते थे लेकिन अब घोषणापत्र संकल्प पत्र में बदल चुका है। भाजपा ने 2014 में 500 संकल्प किये थे जिनमें से 499 पूरे हो चुके हैं। भाजपा ने संकल्प पत्र जारी करते समय कहा कि जनता के हित में आप सरकार की सभी योजनाएं जारी रहेंगी अपितु उसमें से भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। भारतीय जनता पार्टी की ओर से यह बात कई बार कही जा चुकी है कि क्योंकि आप की ओर से लगातार यह प्रचार किया जा रहा है कि जब बीजेपी सत्ता में आयेगी तब गरीबों की झुग्गियों में वह बुलडोजर चलवा देगी तथा सभी योजनाओं को बंद करवा देगी जबकि भाजपा का कहना है कि वह सभी झुग्गी वालों को मुख्यधारा में लेकर आएंगे।
भाजपा ने अपने द्वारा शासित अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी महिलाओं को हर माह 2500 रुपये सहायता राशि देने का संकल्प लिया है। गर्भवती महिलाओ को 21000 रुपये देने व एक न्यूट्रीशनल किट भी देने का संकल्प किया है। भाजपा ने होली -दीपावली के अवसर पर मुफ्त सिलिंडर तथा 500 रुपए की एलपीजी सब्सिडी देने का वादा किया है। भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3000 रुपए तक की पेंशन देने, आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में भी लागू करने का ऐलान किया हैं।आयुष्मान योजना का संकल्प लेते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा ने दिल्ली में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक में 300 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया तथा जब बीजेपी सरकार आने पर मोहल्ला क्लीनिक के घोटालो की जांच कराने का संकल्प दोहराया। भाजपा ने दिल्ली में सौर योजना लागू करने सहित 300 यूनिट बिजली फ्री देने सहित धार्मिक स्थलों को 500 यूनिट तक फ्री बिजली देने का संकल्प लिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भी अपने वादों के साथ चुनावी मैदान में दम भर रही है जिसके कारण चुनाव काफी रोचक होता जा रहा है। दिल्ली में कांग्रेस अपनी जमीन वापस पाने तथा बीजेपी सत्ता में वापसी के लिए मैदान में हैं और दोनों ने अपने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतरने को कह दिया है। भाजपा की रणनीति में सभी मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। खबर है कि दिल्ली में भी उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों की बहुत डिमांड है तथा “बटेंगे तो कटेंग“ के पोस्टर दिल्ली की दीवारों पर लग रहे हैं।
सभी दलों ने अपनी पोटली से वादो और संकल्पों का पिटारा खोलकर रख दिया है। सभी ने रेवड़ियों पर दाँव खेला है जिससे आप- दा की सरकार कुछ दबाव में है। यदि कांग्रेस व ओवैसी के कारण मुस्लिम मतों का विभाजन होता है अथवा बसपा के कारण दलित वोट बैंक कुछ खिसकता है तो फिर आप -दा के लिए दिल्ली की राह कठिन हो जायेगी।
— मृत्युंजय दीक्षित