हास्य व्यंग्य

व्यंग्य – हर सौदा वो रद्द कर देते हैं

सौदा पक्का करना फिर अंतिम समय सौदा रद्द कर देना उनका प्रिय खेल है | इस खेल में उनके लिये मनोरंजन के तत्व भरपूर है | सौदे को वो इंजाय करते हैं | कहते हैं सौदा तो बहुत निचले स्तर की बात है बुलंदी तो रद्द करना है | इसे वो कारनामा कहते हैं | मकान का सौदा करते हैं | पूरी डील हो जाती है फिर उसे रद्द कर देते हैं | ज़मीन का सौदा करते हैं , सभी बात-चीत पूरी हो जाती है और वो सौदा रद्द कर देते हैं |

कोई फ़्रिज बेच रहा है , सोफ़ा बेच रहा है , पलंग बेच रहा है , यह बात उन्हें जैसे ही मालूम होती वो उसमें कूद जाते है | कीमत ज़रा कम करवाते , मेटाडोर भाड़ा फ्री करवाते | इस संबंध में हफ़्ते भर उनके घर जाते , नाश्ता पानी करते , गप्पे मारते फिर सौदा रद्द कर देते | सोफ़ा सेट का सौदा करते तो रद्द करने के पहले हफ़्ते भर रोज़ दो घंटा उस पर बैठते हैं | इसी तर्ज़ पर जब किसी पलंग का सौदा करते तो हफ़्ता दस दिन रोज़ आकर दो घंटा उस पर सोते | फिर यह कह कर सौदा रद्द कर देते कि इस पलंग पर नींद तो अच्छी आती है पर ख्वाब अच्छे नही आते हैं |

विश्वस्त सूत्रो से जब इन्हें पता चला कि फ़लां फ़लां व्यक्ति अपनी बाईक बेचना चाहता है | ये महाशय तुरंत उसकी बाईक खरीदने पहुच गये | उसने जो कीमत बोली तुरंत हां कर दिये , गाड़ी की कंडीशन से संतुष्ट हुए | अब बात आई भुगतान की तो बोले पहले ट्रायल ले लेता हूं | दस दिन तक गाड़ी अपने पास रख ट्रायल लेते रहे और फिर सौदा रद्द करते हुए बोले – यह तो एक किक में स्टार्ट हो जाती है , ब्रेक लगता है , हार्न बजता है , लाईट जलती है , एवरेज भी बढ़िया है | ऐसी गाड़ी तो मैं ले ही नही सकता क्योकि मैं इतना सुविधाभोगी नही हूँ | इससे तो मेरे अंदर के संघर्ष के तत्व ही खत्म हो जायेगे |

किसी बड़ी होटल में जाते हैं | ठंडा पानी पीते हैं , ए.सी. की ठंडक ग्रहण करते हैं , मीनू में देख देख कर आर्डर लिखवाते हैं और वेटर से कहते हैं मेरा मित्र आने वाला है वह जब आ जायेगा तब खाना लगाना | जब पसीना सूख जाता है तब वेटर को बोलते हैं मेरा दोस्त कहां रह गया ? वह अभी तक आया नही मैं उसके बिना खाता नही | इस तरह आर्डर रद्द करा कर होटल से निकल जाते |

यह उनकी विचारधारा है जो वो यह कहते हैं कि रद्द होना सौदे का सौन्दर्य है | सौदे में से रद्द होने के आप्शन को हटा देना मंत्री की गाड़ी में से लाल बत्ती  , पुलिस की गाड़ी से सायरन  और महिला के चेहरे से मेकअप हटा देने के जैसा हो जायेगा | अगर स्वयं को बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित करना है , समाज का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना है तो इसका सबसे सस्ता तरीका यही है कि कोई बड़ा सौदा करो भले बाद में रद्द कर दो | वह सौदा सौदा नही जो रद्द न हो |

हर बड़े , आकर्षक और साफ़ सुथरे सौदे में ये रूचि लेते हैं | जिस सौदे में ये रूचि नही लेते हैं ऐसा सौदा संदिग्ध माना जाता है | लोगों को लगता है इसमें ज़रूर कोई गड़बड़ है फिर उस ओर कोई ध्यान नही देता | यही कारण है कि इनको और उनको दोनों को मालूम है कि सौदा रद्द ही होना है फिर भी लोग इनके साथ सौदा करने के लिये तत्पर रहते हैं | पार्टी का कहना है इनसे सौदा करो तो ये सौदे का प्रचार इतना अधिक कर देते हैं कि फिर चीज़ बेचना आसान हो जाता है |

इस कहानी में उत्तेजना और अनिश्चितता का मज़बूत पक्ष है लेकिन अंत चौकाने वाला नही है क्योकि सब को मालूम है कि अंत में सौदा रद्द ही होना है | बड़े बड़े सौदे को इतनी आसानी से रद्द कर देते है जैसे लोग ठंड के दिनों में नहाना रद्द कर देते है | उनसे कहो कि तुम तो सौदा रद्द कर खुश हो जाते हो लेकिन सामने वाले को कितनी पीड़ा पहुचती है इसका तुम्हे अंदाज़ है ? इस पर वो कहते हैं हर सुख किसी की पीड़ा से गुज़रते हुए ही हमारी तरफ़ पहुचता है |

सौदा करना इनका शौक और रद्द करना इनकी आदत है | इनका पड़ोस की लड़की से प्रेम संबंध था | दो साल तक संबंध रहे जब बात शादी तक पहुची तब इन्होने दिल का सौदा रद्द कर दिया |

सौदे में जो इन्हें सख्त नापसंद है वह है टोकन मनी | हर सौदे में इनका कहना होता है कि मैं कभी टोकन मनी नही देता हूं सीधा पूर्ण भुगतान करता हूं | सौदे में टोकन मनी रिश्ते में शक की तरह है | इसमें अविश्वास की बू आती है | लाखों के सौदे में कुछ हज़ार की टोकन मनी मांगना ग्राहक का अपमान है जो बर्दाश्त नही किया जा सकता | जैसे ही कोई टोकन मनी मांगता है ये सौदा रद्द कर देते हैं |

एक बार मैंने उनसे पूछ था – हर बार सौदा तय कर के उसे रद्द क्यों कर देते हो यह अच्छी बात नही है | मेरी बात सुन कर भड़क गये और कहने लगे तुम जो लंबे लंबे मैसेज लिख कर डिलीट कर देते हो वह क्या है ? मेरा सौदा रद्द कर देने का पूछ रहे हो तो जाओ पहले उनसे पूछ कर आओ जो नियमित ट्रेनों को रद्द कर देते हैं , तयशुदा कार्यक्रम को रद्द कर देते हैं , संविधान रद्द कर देते हैं , नियुक्ति रद्द कर देते हैं , आयोजन रद्द कर देते हैं , निर्वाचन रद्द कर देते हैं | उनसे यह भी पूछना जो अच्छा है वही रद्द क्यों हो रहा है और जो रद्दी है वही क्यों यथावत है ?

— अख़तर अली

अखतर अली

जन्म 14 अप्रेल 1960, रायपुर (छत्तीसगढ़) मूलतः व्यंग्यकार, विगत 40 वर्षो से निरंतर लेखन जारी। व्यंग्य, समीक्षा, आलेख एवं लघु कथाओं का निरंतर लेखन। अमृत संदेश, नव भारत, दैनिक भास्कर, नई दुनिया,रांची एक्सप्रेस, जनवाणी, हरिभूमि, राजस्थान पत्रिका,पंजाब केसरी, वागर्थ, बालहंस,सुखनवर, सामानांतरनामा, कलावासुधा, इप्टा वार्ता, सूत्रधार, कार्टून वाच, दुनियाँ इन दिनों उदंती.काँम, साहित्य सुधा, साहित्यकथा, रचनाकार, अट्टहास, विभोम स्वर, सदभावना दर्पण आदि आदि पत्रिकाओं में निरंतर रचनाये प्रकाशित। आज की जनधारा में व्यंग्य स्तंभ हबीब तनवीर से रंगमंच का प्रशिक्षण। अनेको नाट्य स्पर्धाओं में सम्मेलनों, गोष्ठियों में शिरकत। लिखित प्रमुख व्यंग्य नाटक – निकले थे मांगने किस्सा कल्पनापुरका विचित्रलोक की सत्यकथा नंगी सरकार अमंचित प्रस्तुति खुल्लम खुल्ला सुकरात अजब मदारी गजब तमाशा एक अजीब दास्ताँ दर्द अनोखे प्यार के नाक। प्रमुख नाट्य रूपांतरण – ईदगाह (मुंशी प्रेमचंद) किस्सा नागफनी (हरिशंकर परसाई) अकाल उत्सव (गिरीश पंकज) मौत की तलाश में (फ़िक्र तौसवी) टोपी शुक्ला (राही मासूम रज़ा) बाकी सब खैरियत है (सआदत हसन मंटो) असमंजस बाबू (सत्यजीत रे) जितने लब उतने अफसाने (राजी सेठ) एक गधे की आत्म कथा (कृष्ण चंदर) बियालिस साल आठ महीने (सआदत हसन मंटो) सात दिन तुमने क्यों कहा था कि मै खूबसूरत हूं (यशपाल) काली शलवार (एक पात्रीय) (मंटो) नाक (निकोलाई गोगोल) प्रमुख नुक्कड़ नाटक – नाटक की आड़ में, लाटरी लीला, खदान दान। सम्पर्क – अखतर अली,निकट मेडी हेल्थ हास्पिटल, आमानाका, रायपुर। मो.न. 9826126781 Email – [email protected]

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