बाल कविता

वीर बनेंगे हम

आन बान पर अड़ने वाले,
बाधाओं से लड़ने वाले।
पथ पर आगे बढ़ने वाले,
हम हैं बालक वीर मतवाले।

मन के भोले भाले बच्चे,
फूलों से मिलकर इठलाते,
ऊंचाई पर चढ़ने वाले,
हम हैं बॉल वीर मतवाले।

हंसते और हंसते सबको,
मीठे बोल सुनाते सबको।
सीख बड़ों की सिर पर रखते,
कष्ट दूर दुखियों का करते।
धुन के पक्के व्रती निराले,
हम हैं बाल वीर मतवाले।

हम सब भारत की संताने ,
इस पर जीना मारना जानें।
देश प्रेम हैं धर्म हमारा ,
जन सेवा है कर्म हमारा।
अपनी धरती के रखवाले,
हम हैं बाल वीर मतवाले।

— आसिया फारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र

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