कविता

यादें

गुजर रहे हैं
खुबसूरत लम्हे जिंदगी के
मुसाफिरों की तरह
बस यादें ही रह जाती है
सामने रुके हुए
रास्ते की तरह
और एक उम्र के बाद
उस उम्र की बातें भी
उम्र भर याद आती हैं
पर वह उम्र
फिर उम्र भर नहीं आती
वापस लौट कर।

— रीना कुमारी

रीना कुमारी

प्लॉट संख्या 161, फ़र्स्ट फ्लोर, ज्ञान खंड 3 इंदिरापुरम, गाजियाबाद मोबाइल नंबर 9555701118 ईमेल [email protected]

Leave a Reply