अगर किसी ने आंख उठाई
न गोला चाहिए ,
न बारूद चाहिए,
हम हैं चैनों –अमन के पुजारी,
हमको तो सारे विश्व में शांति चाहिए।
न किसी की ज़मीन चाहिए,
न किसी का ज़मीर चाहिए,
जो देखेगा हमारे देश की ओर गंदी नज़र से,
वो हमें निस्तेनाबूद चाहिए।
न हमको किसी की झूठी सहानुभूति चाहिए,
न हमको किसी के प्राणों की आहुति चाहिए,
अगर किसी ने आंख उठाई हमारे देश पर,
हमको उनकी नोची हुई आंख चाहिए।
— कैप्टन (डॉ.) जय महलवाल (अनजान)