विराट के खेल को एक यादगार पल के रूप में याद रखा जाएगा
विराट को विराट लिखना कितना विराट हो सकता है लेकिन विराट को विराट लिखना सरल हो सकता है । भारतीय क्रिकेट टीम में अपने नाम का , अपनी टीम का , देश का नाम चमकाने वाले विराट को विराट बनने में कितना समय लगा होगा उसकी मेहनत , धैर्य और सब्र के पीछे किसी का ध्यान नहीं बस उसके सफलता को हर कोई अपने पैमाने से नाप रहा है । सब जानते हैं विराट को लेकिन विराट को विराट बनाने में उसे कोच की कितनी भूमि कर रही होगी जिसने विराट को विराट बनाया है।
विराट ने संन्यास का ऐलान इंस्टाग्राम पर किया विराट कोहली ने लिखा, ‘सफेद जर्सी में खेलने का एक अलग ही अपनापन होता है। विराट ने यह भी लिखा कि , ‘हालाकि अलग होने का यह फैसला आसान नहीं है मुझे सही लगा। मैंने इस खेल को अपना सच कुछ दिया है और बदले में इसने मुझे उससे कहीं ज्यादा दिया कोहली ने अपने प्रशंसकों और दर्शकों के प्रति भी आभार जताया। पोस्ट के अंत में विराट ने लिखा, ‘मैं अपने टेस्ट कॅरियर को हमेशा एक मुस्कान के साथ याद रखूंगा ।
बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। विराट कोहली से 20 इंटरनेशनल से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। हालांकि यो वनडे क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। यह क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशखबरी हो सकती है लेकिन कितने दिनों तक अंततः वनडे से भी लिए संन्यास ले सकते हैं । विराट कोहली की मेहनत को देखें तो विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में सफर 14 साल लंबा रहा और इस दौरान उन्होंने 123 टेस्ट मैच खेले। विराट ने 123 टेस्ट मैचों की 210 पारियों में 30 शतक, 31 अर्थ शतकों की बदौलत 46.85 के औसत से 9230 रन बनाए। इंग्लैंड में ही खेली गई 2014 को टेस्ट सिरीज के असफल होने पर कोहली को विराट बनाने में एक अहा भूमिका निभाई। तब तक वो ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड न्यूजीलैंड के बेसिन रिजर्व और दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में शतक जमा चुके थे। उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ स्टार खिलाड़ी माना जा रहा था। तब विराट 24 टेस्ट मैच खेल चुके विराट कोहली पहली बार इंग्लैंड की धरती पर खेलने गए थे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका की तेज रफ्तार वाली पिचों पर अपना लोहा मनवा चुके विराट की इंग्लिश गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन के आगे एक न चली। अंग्रेजी मीडिया में उनकी खूब आलोचना हुई, यहां तक लिखा गया कि, घरेलू मैदान में हर बल्लेबाज़ शेर होता है, लेकिन जो हर तरह की पिचों पर शानदार बल्लेबाजी करे वो वास्तव में बल्लेबाज है।’ विराट को काॅरियर का मामला इसलिए जरूरी है कि जब के भारत लौटे तो उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की तकनीक को और सुधारने की ठान ली थी जिसके परिणाम स्वरूप आज विराट को विराट कहते हुए विराट गर्व महसूस हो रहा है । विराट भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान बने उन्होंने कई यादगार जीत दिलाई और इस दौरान विराट ने भारत की सबसे अधिक 40 टेस्ट मैचों में जीत दिलाई। इस दौरान सबसे अधिक लगातार 9 टेस्ट सिरीज जीतने का रिकॉर्ड कायम किया। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सिरीज में जीत हासिल की। बतौर टेस्ट कप्तान विराट ने सबसे अधिक 5,864 रन, सर्वाधिक 20 है । इन 14 सालों के दौरान ये ऐसे साल रहे 2012, 2015, 2016, 2018 और 2023 आए जब विराट ने एक कैलेंडर वर्ष में किसी भी भारतीय बल्लेबाजों से अधिक रन बनाए। अपनी कप्तानी के दौरान की कोहली 2018 में इंग्लैंड दौरे पर फिर गए तो उन्होंने अलग छाप छोड़ी। 59.30 की औसत से उन्होंने दोनों टीमों के किसी भी खिलाड़ी से अधिक 583 रन बनाए। दो दमदार शतक जमाए और इंग्लैंड की मीडिया को ‘किंग कोहली’ लिखने पर मजबूर किया। इस साल विराट ने कुल 1322 रन बनाए, 2016 से 2019 तक विराट कोहली के टेस्ट करियर का स्वर्णिम दौर रहा। इस दौरान उनके बाते से 35 टेस्ट मैचों के दौरान 66.59 की औसत से 14 शतक और आठ अर्धशतकों समेत 3596 रन निकले।
विराट कोहली के संन्यास को लेकर सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर और उनसे जुड़े कई खिलाड़ियों ने अपनी भावनाओं को तथा सद्भावनाओं को एवं उनसे जुड़े हुए देश तथा विदेश के कई खिलाड़ियों ने अपने खेल अनुभव को साझा करते हुए उनके सन्यास को संन्यास न मानते हुए एक यादगार पल के रूप में याद रखना की बात कही है यह बड़ा ही गौरव का विषय है कि , किसी खिलाड़ी के लिए उनके चाहने वाले और उनके साथ रहने वाले खिलाड़ियों के दिल से इस प्रकार की बात निकलती है तो निश्चित रूप से विराट कोहली का दिल और अधिक बड़ा हो जाता है और देश का नाम भी टीम का नाम भी और अधिक बड़ा हो जाता है ।
— प्रकाश हेमावत