राजनीति

पाकिस्तान होगा बेनकाब हर आतंकी घटना का होगा हिसाब । 

यह सबसे अच्छी बात है कि , प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तापक्ष के साथ विपक्ष के नेता भी करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों में पक्ष-विपक्ष के कई सांसद होंगे यह अच्छा होगा देश हितों के लिए एवं आतंकवाद के खिलाफ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने नेता अपने आप के लिए जिम्मेदार है एवं देश की कुछ जिम्मेदारी को लेकर जा रहे हैं वह सिर्फ भारत सरकार के प्रतिनिधि है न किसी अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि इसलिए बिना किसी वाद विवाद , भेद भाव के अपने कर्तव्य को पालन राष्ट्रहित में करना चाहिए वह इसलिए कि , पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के खिलाफ पक्ष-विपक्ष को एकजुट होना का मौका मिला है और अपनी ताकत दिखाना चाहिए । 

सरकार का ‘पाक को बेनकाब’ करने का पूरा प्लान क्या है यह किसी को पता नहीं चलता है कूटनीति की सबसे बड़ी नीति यही है कि, वह अपने अगले कदम किस दिशा में उठाएगा यह किसी को बताया नहीं जाता है और पीएम मोदी की छवि एक ऐसे लीडर की है, जो अपने फैसलों से चौंकाने के लिए जाने जाते हैं. विपक्षी कभी सोच भी नहीं पाते और पीएम मोदी वो कर जाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता एवं आतंकवाद को जड़मूल से समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को ऐसी सख्त सीख दी जानी चाहिए कि फिर कभी दूसरा पहलगाम जैसी हरकत करने की सोच नहीं सकता अब समय को देखते हुए नागरिकों व देश की सुरक्षा को देखते हुए पाकिस्तान के आतंकी स्ट्रक्चर को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए ।

ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के खिलाफ हो रही कार्यवाही को देखते हुए असदुद्दीन ओवैसी की पूरी छवि बदल गई है. इस दौरान उनकी एक देशभक्त की जो छवि सामने आई, उसकी प्रसन्नसा जमकर हुई शायद ऑपरेशन सिंदूर से पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि ओवैसी, पाकिस्तान को इतनी खरी-खरी सुना सकते हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने ओवैसी को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाकर सबको हैरान कर दिया । असदुद्दीन ओवैसी भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआत से ही समर्थक रहे हैं इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में काम करने का लंबा अनुभव रखने वाले शशि थरूर कूटनीति के के बड़े जानकार हैं. ऐसे में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने में वह अहम रोल निभा सकते हैं। शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र में काम करने का काफी लंबा रहा है यह बात नरेंद्र मोदी अच्छे तरह से जानते हैं इसलिए इन्हें भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया । ऐसे कई पक्ष एवं विपक्ष के सांसद हैं जिन्हें इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है ।

हमारा यह प्रतिनिधिमंडलों कोई शांति और संयम का उपदेश सुनने को नहीं जा रहा बल्कि पाकिस्तान आतंकवादियों को कई वर्षों से पाल रहा है उस हकीकत को बताने के लिए जा रहे हैं जिसकी वजह से भारत में पिछले कई वर्षों से आतंकी घटनाएं हो चुकी है और पहले की सरकारों ने सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ बयान बाजी करती ही और कोई कोई ठोस कदम नहीं उठाया लेकिन वर्तमान सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से विश्व को यह बता दिया कि , भारत पहले जैसा देश नही है वह सैन्य ताकत से भरपूर ताकतवर हो गया है वहां किसी भी कीमत पर आतंकवाद के खिलाफ झुकने को तैयार नहीं हैं इसीलिए हमारा प्रतिदिन मंडल आतंकी घटनाओं का ब्योरा और पाकिस्तान के व्यवहार को बताएंगे पुर्व में नरसिंह राव सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भेजा था । मानव अधिकार आयोग ने अपनी क्या भूमिका निभाई यह आप हम सभी अच्छी तरह से जानता है , लेकिन अब समय और परिस्थितियां बदल गई है और भारत का कद और अधिक बढ़ गया है।

ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकवादी संगठनों की कमर तोड़ने के बाद भारत ने अब पाक के नापाक इरादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेनकाब करने की रणनीति बना ली है. मोदी सरकार की इस रणनीति का हिस्सा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के सांसद ही नहीं, बल्कि सभी दलों के सांसद शामिल हैं. ये सभी सांसद अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करेंगे.

पहलगाम में भीषण आतंकी हमला कराने वाले पाकिस्तान को आपरेशन सिंदूर के जरिये पस्त करने के बाद भारत ने उसके आतंकी चेहरे को बेनकाब करने के लिए विश्व के प्रमुख देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का जो निर्णय लिया उस निर्णय का देश भर में स्वागत एवं समर्थन रहा है क्योंकि यह आम जन की देश भक्ति भावनाओं पर खरा खरा उतरता है । यह कदम समय की जरूरत थी इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए जो सांसद सर्वथा उपयुक्त माने जा रहे हैं ।

— प्रकाश हेमावत

प्रकाश हेमावत

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