सेन्य ताकत के लिए जितने कार्य हुए वह स्वागत के योग्य
इमानदारी से किये गई कार्य सफलता के नए सौंपान लिखता है इसलिए कहते हैं जिनके इरादे बुलंद होते हैं उन को मंजिल मिल जाती है यह पंक्तियां इसलिए लिख रहा हूं कि , पिछली सरकार ने क्या किया ? क्या नहीं किया ? क्यों नहीं किया ? इस पर चर्चा जब करना होगी तब करेंगे पिछली सरकार ने जैसे तैसे काम तो किया है हम उनके कार्य पर उंगली नहीं उठा रहे हैं । जो सच है वह सच और जो झूठ वह झूठ सच को सच ही कहना पड़ेगा झूठ को झूठ करना पड़ेगा । पिछली सरकार ने काम तो किया था मगर धीमी गति से किया है कुछ सत्ता पर बने रहने के लिए सरकार के साथ मिलकर कोई ठोस कदम नहीं उठ पाए लेकिन अब समय की बर्बादी नहीं होगी हम वर्तमान हालातो के संदर्भ में चर्चा करें तो वर्तमान सरकार ने हमारे देश को एवं सेना को इतना मजबूत कर दिया कि , जितना कहां जाएगा वह उतना ही कम होगा । वर्तमान सरकार के कार्यों की गति को देखते हुए तथाकथित स्वार्थी तत्व को यह सच्चाई जानकर आश्चर्य होगा कि यह काम हम सरकार के मंत्री पद पर रहते हुए , प्रधानमंत्री थे हुए हम क्यों नहीं कर पाए । देखा जाए तो कुछ साल पहले हमारे देश की भी स्थिति वही थी जिस स्थिति में आज पाकिस्तान या अन्य देशों की है जहां हमें आर्थिक तंगी व सेन्य सुरक्षा के लिए दूसरे देशों का मुंह देखना पड़ता था भारतीय सेना के पास न हथियार थे और न ही गोला बारूद था जिसकी वजह से पाकिस्तानी आतंकी हमारे देश किसी भी क्षेत्र में घटना को अंजाम देते रहते थे । सरहद पर तैनात हमारे सैनिकों असहाय नजर आ रहे थे और तों और हमारे सैनिकों के सिर काट कर लें जातें थें और उससे फुटबॉल खेलते थे लेकिन मनमोहन सिंह, लालू यादव , दिग्विजय सिंह , मायावती , सोनिया गांधी ममता बनर्जी और मुलायम सिंह जैसे कई कद्दावर नेता उस समय खामोश थे क्योंकि ये अपनी कुर्सी बचाने के लिए सरकार के साथ बने रहते और खड़े रहते थे या अन्य कोई कारण के चलते बोल नहीं सकते थे। हम अहिंसा वादी हैं । हम महावीर के भक्त हैं । हम बुद्ध को चाहते हैं न कि युद्ध को चाहते हैं । क्योंकि युद्ध कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है लेकिन कोई देश या पड़ोसी पाकिस्तान जैसा हो कट्टरपंथी , झूठा , धोखेबाज , दगाबाज हो तो सदैव तैयार रहना ही समझदारी है इसे कोई चाणक्य नीति माने या कूटनीति माने । पाकिस्तान जब-जब भारत के खिलाफ साजिश कर आतंकी भेजता है, सीमा पर गोलीबारी करता है। ऐसे में हमें सजग व सावधान होकर भारत को मजबूती से खड़ा होना ही होगा आज यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता संभालते ही सांसद की देहरी पर सिर झुकाते हुए देश की , नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
पिछली सरकार ने क्या किया क्या नहीं किया क्या मजबूरी रही होगी ? सरकार में मंत्री रहे नेताओं ने क्यों चुप्पी साध रखी थी ? यह समझ से परे है इस पर समय मिलने पर बातचीत होगी । सन् 2012 में सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। कि देश के पास पर्याप्त गोला-बारूद नहीं है, एयर डिफेंस सिस्टम कमजोर है और हालत चिंताजनक है। सेना के पास सुरक्षा का कोई साधन नहीं है । हमारे सैनिक आतंकवादी के सामने असहाय नजर आते हैं कश्मीर घाटी में हर कोई पत्थर से सेना को नुकसान पहुंचाता है कई प्रकार की सेनाओं से संबंधित समस्या की बात कही थी न जाने क्यों सरकार ने इसे नजरअंदाज किया क्योंकि उन्हें शायद इन सेना के आधुनिक हथियार , सेना से संबंधित कार्यों के लिए , गोना बारुद खरीदने में दलाली नहीं मिल रही थी। राफेल जैसे कई सौदे कई महीनों तक इसलिए अटके रहे क्योंकि कमीशन तय नहीं हो पाया और देश की सुरक्षा से समझौता कर लिया गया था । यह कितनी दुर्भाग्य पूर्ण बात है इन स्वार्थी तत्व ने जेब भरने का लालच नहीं छोड़ा । यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि , पिछली सरकार में रक्षा सौदे वर्षों तक लटके रहे, स्वदेशी निर्माण धीमा रहा और सेना को वह ताकत नहीं मिल पाई जिसकी जरूरत थी। सरकार की लापरवाही और कमजोरी की वजह से पाकिस्तान आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहा इसी का फायदा उठाते हुए चीन अमेरिका जैसे देश भारत को आंख दिखाते रहते थे ।
कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं और समय आ गया देश जनता ने बदलाव की बयार बहते हुए अपने मत का सही सही उपयोग करके जिस सरकार को चुना वह मोदी सरकार थी और 2014 के बाद जब मोदी सरकार आई तो सेना के हालात में तेजी से सुधार शुरू हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी दलाली के सौदे किए, और सेना को वह साजो-सामान दिया जो उसकी जरूरत थी बिना कोई देरी के तुरंत कार्रवाई और कार्य को अंजाम तक पहुंचा दिया अपने जवाबदारी जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ कार्य को पूरा किया आज यह वजह कि हमारे सेना के पास आधुनिक हथियारों से लेस सुसज्जित नजर आ रही है आज भारत रक्षा उपकरणों का निर्यातक बन रहा है HAL और DRDO जैसे संस्थानों ने आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। रक्षा के क्षेत्र में जो रफ्तार मोदी सरकार ने दी है, वो अब साफ दिख रही है और परिणाम शनै शनै सामने आ रहे हैं इसीलिए आज भारत की ताकत देख पाकिस्तान ही नहीं, पूरा विश्व हैरान है । मेक इन इंडिया के तहत भारत ने अपने खुद के हथियार बनाने शुरू किए । जल थल और वायुसेना के लिए तेजस फाइटर जेट, प्रचंड अटैक हेलीकॉप्टर, रुद्र, एचटीटी-40 ट्रेनर प्लेन, धनुष तोप, एटीएजीएस, पिनाका रॉकेट सिस्टम सब भारत में बनाए गए साथ ही रूस के साथ मिलकर AK-203 राइफलें और ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण किया गया। नौसेना को INS विक्रांत, वरुणास्त्र टॉरपीडो और अगली पीढ़ी के मिसाइल वेसल्स मिले। इससे भारत को समुद्री ताकत भी मिली जो पहले कभी नहीं थी। यहां तक कि भारत सरकार ने विदेशी सौदों में आईने की तरह पारदर्शिता के साथ अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियां हासिल की गईं। फ्रांस से राफेल जेट, इजराइल से एमक्यू-9 ड्रोन, अमेरिका से सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान और रूस से सुदर्शन चक्र-400 मिसाइल सिस्टम भारत लाया गया। सेना के लिए इतनी बड़ी संख्या में आधुनिक हथियार कोई सारी ताकत कोई रातों-रात एकत्र नहीं हो गई इसके पीछे धैर्य सब्र और ईमानदारी जिम्मेदारी जवाबदारी के साथ कार्य करने वालों की एक संगठित ताकत है जिसने अपने कार्य को ईमानदारी के साथ अंजाम दिया है । ज्यादा से ज्यादा सेन्य शक्ति जब भारती सेना के पास है तों फिर मजाल है किसकी जो भारत को आंख दिखाएं और ऊंची आवाज में बात करके दिखा यहां हमारी वर्तमान सरकार की ताकत है । यह सेना की ताकत है कि , वह दुश्मन को मारने के लिए किसी सरकार से आदेश नहीं लेना पड़ता है हमारी सरकार ने सेना को फ्री हैंड कर दिया है दुश्मन को चाहें जिस तरह से मारें उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। यहआम नागरिकों की ताकत है जिसने सरकार और सरकार में बैठे सभी सांसदो और सेन्य ताकत से जुड़े विभागों के कर्मचारी एवं अधिकारियों की जवाबदारी जिम्मेदारी और इमानदारी का प्रतिफल है जिससे हमारा देश विश्व गुरु की अग्रसर हो रहा है सबसे बड़ी आश्चर्यजनक बात तो यही सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए जितने भी कार्य हुए हैं वह स्वागत के योग्य हैं ।
— प्रकाश हेमावत