कविता

आओ मिलकर योग करें

मेहनत हम सब लोग करें,
आओ मिलकर योग करें।
हम सब मिलकर योग करें।

सांसों को हम भरे निकलें,
यह तो प्राणायाम हुआ ,
अपने दिल दिमाग का भाई,
अच्छा यह व्यायाम हुआ ।

सभी शक्तियों का यह तन,
सुंदर एक खज़ाना हैं,
योग को अपनाकर ही तो,
सक्रीय इसे बनाना हैं।

— आसिया फारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र

Leave a Reply