पिता का साया
पिता का साया
अहसास गगन सा
विस्तार भुवन सा
अहसास जीवन में सूरज सा
पिता का साया
गम्भीरता हिमालय सी ओढ़े
फूल समझ कर
पालता दुलारता
पिता का साया
गर बस में हो तो
सारा संसार समेट
झोली में भर दे
पिता का साया
बच्चों के सपनों में
खुद के सपनों को
करता साकार
पिता का साया
भावों के सागर को
मुस्कान में छिपाता
सफल कलाकार सा
पिता का साया
— शुभ्रा राजीव