गीतिका- प्यार की आवाज हो तुम।
प्यार की आवाज हो तुम।
यार दिल की साज हो तुम॥
जिंदगी रोशन तुझी से।
यार मेरी नाज हो तुम॥
जब उड़ा आकाश में मैं।
तब बनी परवाज़ हो तुम॥
कामयाबी जो मिली है।
यार उसकी लाज हो तुम॥
हृदय अपना हार जाऊँ।
ऐसी एक राज हो तुम॥
दिनेश पाण्डेय “कुशभुवनपुरी”
बढ़िया !