कविता

मेरी कवितायें

मेरी कवितायें
उन्हें उनकी मोजुदगी का अहसास करवाती हैं
शायद कभी मिल नही पाये
इसलिए
उन्हें खुद को खुद से मिलवाती हैं
जो न क्र पाये ब्यान
उनसे उन शब्दों को
ब्यान करवाती हैं
शायद सच में
मेरी कवितायें
उन्हें उनकी मोजुदगी का अहसास करवाती हैं
लेकिन उन्हें यह नही पता
की वो तो वो लहर हैं
जो उन्मुक्त है
स्वछन्द है
उन्हें किसी के अहसास की जरूरत नही
वो तो सच में वो लहर हैं
जो कहीं भी ठहरें
लेकिन आखिर में
की मेरे दिल के समुन्दर मे ही समा जाती हैं
अब खुद ही बताओ
आप की मोजुदगी
क्या अब भी खुद को
मेरी कविता का मोहताज पाती है।

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- [email protected]

2 thoughts on “मेरी कवितायें

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत बढिया .

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

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