मैं भारत की बेटी हूँ
कभी कुचल दी जाती हु
कभी मसल दी जाती हु
कभी पेड़ पे लटकी या कब्र में लेटी हूँ , हाँ मै भारत की बेटी हूँ
कभी जुए में हारी जाती हूँ
कभी कोख में मारी जाती हूँ
झूठ है कि मैं सब की चहेती हूँ , हाँ मै भारत की बेटी हूँ
कभी अग्नि परीक्षा ली जाती है
दहेज़ की आग में जली जाती है
जीते जी मैं ही चिता पे बैठी हूँ , हाँ मै भारत की बेटी हूँ
हर तरफ है मेरे लिए बुरी दृष्टि
जबकि मैं ही रचती हूँ नव सृस्टि
सृजन हेतु खुद को दाँव पे रख देती हूँ , हाँ मै भारत की बेटी हूँ
पर मैं भी अब बेखौफ रहूंगी
अब और ज़ुल्म नहीं सहूंगी
दुर्गा ,काली सी शक्ति खुद में समेटी हूँ ,हाँ मै भारत की बेटी हूँ
……….मनोज”मोजू”…………..
अच्छा प्रेरक गीत !!