पाँव
पाँव थककर भी
चलना नहीं छोड़ते
जब तक वे
गंतव्य तक न पहुँच जाएँ …
थक जाने पर कुछ देर
राह में विश्राम कर
पुन: चल पड़ते हैं
अपने लक्ष्य की और …
जबकि
घोड़े के रथ पर सवार लोग
या फिर ईंधन से चलायमान
अत्याधुनिकतम गाड़ियों में बैठे लोग
बिना पहियों के
अगले पडाव तक नहीं पहुँच पाते …
मगर
पाँव सदियों से
यात्रा करते आये हैं
कई सभ्यताओं
और संस्कृतियों की दास्ताँ कहते !!!
वाह बहुत खूब श्रीमान जी, पाँव नहीं थकते ,,,,,,,,