प्यार
पढ़ने में भले प्यार शब्द है लगता जरा अधूरा
महिमा है अनमोल प्यार की अर्थ बहुत है गहरा
प्यार से ही बढते रिश्ते और रिश्तों की बुनियादें
प्यार अगर हो मन मे तब ही आती मीठी यादें
माँ की ममता है प्यार और पिता का प्यार है पालन
भाई बहन के प्यार की गिनती संसार में सबसे पावन
राधा जी का प्रेम कृष्ण से सदा ही अमर कहलाया
तर गए गोपी गोप प्यार से कृष्ण नाम जब आया
लैला मजनूँ हीर राँझा और थे सोहनी महिवाल
सच्चे प्यार की इनकी देते सबको आज मिसाल
मिलना बिछड़ना चलता रहेगा यह दुनिया की रीति
सच्चा प्यार उन्हीं का है जो बिछड़ निभाये प्रीति
प्रेम कहो या कहो प्यार भले सब अर्थ है एक निकलता
अहसासों का भाव सदा ही प्रेम नाम में दिखता
ढाई अक्षर की महिमा को बहुत लिया है टटोल
लगता भले अधूरा हो पर शब्द बडा अनमोल
— पुरुषोत्तम जाजु
अति सुंदर लेखन
उम्दा रचना
धन्यवाद् आदरणीया
कविता अच्छी है। यह भी निवेदन है कि राधा एवं कृष्ण का प्रसंग अनैतिहासिक व काल्पनिक है। कृष्ण जी योगेश्वर और ब्रह्मचारी थे। उनपर रासलीला आदि के मिथ्या आरोप उनके अंध भक्तो ने लगाये हैं। ऐसी ही बातो देश का पतन हुआ है। सत्य जानने के लिए एक बार कृपया सत्यार्थ प्रकाश ग्रन्थ का अध्ययन अवश्य करें।
बहुत अच्छी कविता !
आभार आपका महोदय
आभार महोदय