गीत/नवगीत

नववर्ष पर एक नवगीत

नए स्वप्न हैं,नई उमंगें..
उठी हैं दिल में नई तरंगें..
लेकर अपने साथ,
अपार हर्ष आया है।
करो स्वागत, नववर्ष आया है।।

वर्ष भर की सुप्त-सी,
ख़्वाहिशें मचल उठीं..
राख बन चुकी थी बुझ के,
आग वो फिर जल उठी..

कर दे लोहे को सोना, वो
पारस-सा स्पर्श लाया है।
करो स्वागत, नववर्ष आया है।।

होगा नया सवेरा, अब
अंधियारा नहीं रहेगा..
हो मजबूर किसी दीन का,
आंसू नहीं बहेगा..

हों दृढ़-संकल्पित, बदलने जग को
यही निष्कर्ष लाया है।
करो स्वागत, नववर्ष आया है।।

— जयनित कुमार मेहता

जयनित कुमार मेहता

पिता- श्री मनोज कुमार मेहता जन्मतिथि- 06/11/1994 शिक्षा:बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय,मधेपुरा(बिहार) से राजनीति शास्त्र में स्नातक (अध्ययनरत) रूचि: साहित्य में गहन रूचि। कविता,गीत, ग़ज़ल लेखन.. फेसबुक पर निरंतर लेखन व ब्लॉगिंग में सक्रिय! प्रकाशित कृतिया: एक साझा काव्य संग्रह 'काव्य-सुगंध' शीघ्र (जनवरी 2016 तक) प्रकाश्य!! पता: ग्राम-लालमोहन नगर,पोस्ट-पहसरा, थाना-रानीगंज, अररिया, बिहार-854312 संपर्क:- मो- 09199869986 ईमेल- [email protected] फेसबुक- facebook.com/jaynitkumar

One thought on “नववर्ष पर एक नवगीत

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर गीत

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