कुण्डली/छंद

चौपाई छंद / शिव चाहर मयंक

चौपाई छंद—

 

बदल गया है भारत देश!

जबसे हुआ पश्चिमी भेष!

रोज झेलते दिल पर ठेस।

क्यूँ बदला अपना परिवेश!-1

 

बना हमेशा से जो काल!

सौप रहे हम उसको शाल!

जर्जर होता माँ का हाल!

सत्ता रोज बजाती गाल! -2

 

समझ गये क्या है संसार!

फिर क्यूँ टूट रहे परिवार!

इसका केवल इतना सार।

मूक हुआ रिस्तो का प्यार।-3

 

शिव चाहर मयंक

शिव चाहर 'मयंक'

नाम- शिव चाहर "मयंक" पिता- श्री जगवीर सिंह चाहर पता- गाँव + पोष्ट - अकोला जिला - आगरा उ.प्र. पिन नं- 283102 जन्मतिथी - 18/07/1989 Mob.no. 07871007393 सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन , अधिकतर छंदबद्ध रचनाऐ,देश व विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों , व पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित,देश के अनेको मंचो पर नियमित कार्यक्रम। प्रकाशाधीन पुस्तकें - लेकिन साथ निभाना तुम (खण्ड काव्य) , नारी (खण्ड काव्य), हलधर (खण्ड काव्य) , दोहा संग्रह । सम्मान - आनंद ही आनंद फाउडेंशन द्वारा " राष्ट्रीय भाष्य गौरव सम्मान" वर्ष 2015 E mail id- [email protected]