कविता

मैं एक गुत्थी

मैं एक गुत्थी
अनसुलझी
कभी विस्मित
कभी आश्चर्य
कभी होती भौचक्की
कभी लफ्ज़
कभी मर्म
कभी सख्त
कभी नर्म
कभी चादर….
सर्द में ऊन की
देती दूसरों को राहत
ख़ुद सर्द में भीगती
कभी आंदोलन
कभी उद्वेलन
कभी भय से घिरती
मैं एक गुत्थी
अनसुलझी…

प्रगति मिश्रा 'सधु'

नाम - प्रगति मिश्रा 'सधु' जन्म - 30 अक्टूबर 1982 शिक्षा - स्नातकोत्तर रूचि - अध्ययन-अध्यापन,काव्यसृजन सम्प्रति - शिक्षिका