प्रेम..
प्रेम का बंधन अटूट हैं
जो बंध जाता प्रेम में
हो जाता कोहिनूर हैं
सच्चे दिल सें जिसने भी प्रेम किया हैं
जग में उसी का नाम हुआ हैं
भाई भाई का प्रेम का हो
या हो भाई बहन का
प्यार तो प्यार हैं
सबसें ये महान हैं|
— निवेदिता चतुर्वेदी
प्रेम का बंधन अटूट हैं
जो बंध जाता प्रेम में
हो जाता कोहिनूर हैं
सच्चे दिल सें जिसने भी प्रेम किया हैं
जग में उसी का नाम हुआ हैं
भाई भाई का प्रेम का हो
या हो भाई बहन का
प्यार तो प्यार हैं
सबसें ये महान हैं|
— निवेदिता चतुर्वेदी
Comments are closed.
प्रेम हर जगह व्याप्त है सिर्फ उसे। बनाये रखना है!!
प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती ,प्रेम तो बस प्रेम है .
jii sriman jii