सात वर्ण पिरामिड
1
वो
फूंदी
लँगड़ी
कंचे,झूले
आँख मिचौली
छूट गए सब
अपने हमझोली
2
लो
फिर
हमको
घेर लिया
उन यादों ने
थी जो हमारे
बचपन का हिस्सा
3
मैं
तुम
पीपल
बरगद
ऊँची छलाँगें
सब छूट गए
सिर्फ़ यादें उनकी
4
तू
बता
दोबारा
मिला तुझे
वो बचपन
जो छूट गया था
उम्र की चौखट पे
5
ये
दिन
सुहाने
सुख भरे
बचपन के
पापा की अँगुली
माँ का आँचल थामे
6
ना
आया
लौट के
बचपन
जाने के बाद
खुल के खेल के
जियो बचपन को
7
खो
गया
किधर
बचपन
बढ़ी इतनी
ये भागम भाग
बच्चों की जिंदगी में
आशा पाण्डेय ओझा
वर्ण पिरैमिड अच्छे हैं, पर मेरे विचार से इनमें काव्य का कोई गुण नहीं होता. केवल ज्यामितीय आकृति अवश्य बन जाती है.
वर्ण पिरैमिड अच्छे हैं, पर मेरे विचार से इनमें काव्य का कोई गुण नहीं होता. केवल ज्यामितीय आकृति अवश्य बन जाती है.