वादा
तेरे प्यार के महल में, वादे तमाम करना
हो जाऊँ कैद उसमे ,कुछ इंतजाम करना
धड़कन की हो दीवारें,साँसों की हो कतारें
सो जाऊं मैं सुकूँ से,दिले-एहतिमाम करना
मदहोश आसमां में ख़्वाबों का चाँद देखू
रातों के आईने को, मेरा सलाम करना
काँटो से है घरौंदे,मखमल सी है अदाएं
आगोश में सनम के,शबे-ऐहतराम करना
रोती है देखो कब तक”मुस्कान”इन लबों की
ख़ामोशी के जहाँ को,तुम कोहराम करना
निर्मला”मुस्कान”
एहतिमाम-प्रबन्ध