चला लक्ष्य नभ तीर है, अर्जुन का अंदाज
समझ गया है सारथी, देखा वीर मिजाज
देखा वीर मिजाज, दिशाएं रथ की मोड़ी
लिए सत्य आवाज, द्रोपदी बेवस दौड़ी
कह गौतम कविराय, काहि महाभारत भला
घर में नहि पोसाय, तीर दुश्मनी तक चला।।
शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ